Champions Trophy Pakistan SWOT Analysis Babar Azam biggest hope team strengths and weaknesses | चैंपियंस ट्रॉफी खिताब को बचा पाएगा पाकिस्तान? बाबर आजम सबसे बड़ी उम्मीद, जानें टीम की ताकत-कमजोरी

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Champions Trophy Pakistan SWOT Analysis Babar Azam biggest hope team strengths and weaknesses | चैंपियंस ट्रॉफी खिताब को बचा पाएगा पाकिस्तान? बाबर आजम सबसे बड़ी उम्मीद, जानें टीम की ताकत-कमजोरी



Champions Trophy Pakistan SWOT Analysis: चैंपियंस ट्रॉफी की शुरुआत कुछ दिन में हो जाएगी. 19 फरवरी को पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच पहला मुकाबला खेला जाएगा. मेजबान पाकिस्तान पर सबकी नजरें हैं. वह मोहम्मद रिजवान की कप्तानी में चैंपियंस ट्रॉफी खिताब को बचाने उतरेगा. उसने 2017 में भारत को हराकर यह टाइटल अपने नाम किया था. मेजबान होने के नाते टीम पर सबसे ज्यादा दबाव है. हम टूर्नामेंट से पहले टीम ताकत,कमजोरी, अवसर और खतरे (स्वॉट एनालिसिस) के बारे में आपको यहां बता रहे हैं.
ताकत: पाकिस्तान के पास ऐसे खिलाड़ी हैं जो किसी खास दिन खेल को बदल सकते हैं. 2023 विश्व कप के बाद वनडे टीम में वापस आए फखर जमान एक झटके में खेल को बदल सकते हैं. अगर बाबर आजम अपनी अच्छी फॉर्म में लौटते हैं, तो पाकिस्तान निश्चित रूप से बड़ा स्कोर बनाने में अच्छा महसूस करेगा. कप्तान मोहम्मद रिजवान, सऊद शकील और सलमान अली आगा शानदार फॉर्म में हैं, जो पाकिस्तान के लिए अच्छा संकेत है. शाहीन शाह अफरीदी, नसीम शाह, हारिस रऊफ (अगर टूर्नामेंट के लिए फिट होते हैं) और मोहम्मद हसनैन की तेज गेंदबाजी से टीम को भरोसा और जीत का कारक मिलता है.
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कमजोरी: सैम अयूब टखने के फ्रैक्चर के कारण बाहर हैं और अब्दुल्ला शफीक खराब फॉर्म के कारण बाहर हैं. पाकिस्तान के पास फखर और बाबर के रूप में एक नया ओपनिंग कॉम्बिनेशन है, जो अब तक अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाया है. बड़ा स्कोर बनाने के लिए पहले दस ओवर महत्वपूर्ण होते हैं, ऐसे में फखर-बाबर की ओपनिंग कॉम्बिनेशन एक कमजोर कड़ी है. इसके अलावा पाकिस्तान ने अबरार अहमद के रूप में एक विशेषज्ञ स्पिनर को चुनकर सभी को हैरान कर दिया, जो चोटिल होने की संभावना रखता है. न तो सूफियान मुकीम और न ही शादाब खान को चुना गया, इसका मतलब है कि पाकिस्तान की टीम का संतुलन थोड़ा गड़बड़ है. तैय्यब ताहिर, फहीम अशरफ और खुशदिल शाह का निचला क्रम एक और कमजोर कड़ी है क्योंकि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुछ खास नहीं किया है.
अवसर: पाकिस्तान ने आखिरी बार 1996 के विश्व कप में किसी बहु-राष्ट्र क्रिकेट टूर्नामेंट की मेजबानी की थी, जिसमें लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में आयोजित फाइनल भी शामिल था. अब 29 साल बाद चैंपियंस ट्रॉफी की वापसी के माध्यम से पाकिस्तान एक बार फिर आईसीसी इवेंट की मेजबानी करने जा रहा है. ऐसे में उसके पास होमग्राउंड पर आईसीसी टूर्नामेंट जीतने का अवसर होगा.
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खतरा: चैंपियंस ट्रॉफी के मेजबान के रूप में पाकिस्तान के प्रदर्शन पर घर और दुनिया भर के लोगों की नजर रहेगी. इस दबाव में टीमें भले ही आगे बढ़ सकती हैं, लेकिन यह उन्हें इस दबाव में कमजोर भी कर सकता है और प्रतियोगिता से जल्दी बाहर भी कर सकता है. पाकिस्तान के साथ अप्रत्याशित टैग होने का मतलब है कि उनका प्रदर्शन किसी भी दिशा में जा सकता है और यह उनके लिए एक बड़ा खतरा है.



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