सर्वाइकल कैंसर से जुड़े खतरों को कम करने में एक नई वैक्सीन उम्मीद की किरण बनकर सामने आई है. हालिया शोध के अनुसार, शुरुआती चरण में सर्वाइकल कैंसर का खतरा झेल रही महिलाओं को एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) वैक्सीन देकर घातक बीमारी को रोकने में मदद मिल सकती है. यह वैक्सीन उन महिलाओं को ऑपरेशन से बचा सकती है, जिन्हें वर्तमान में सर्वाइकल प्रीकैंसरस सेल्स (CIN3) के इलाज के लिए दर्दनाक सर्जरी का सामना करना पड़ता है.
डेली मेल की एक खबर के अनुसार, डच वैज्ञानिकों द्वारा किए गए इस शोध में पाया गया कि वैक्सीन (जिसे Vvax001 नाम दिया गया है) ने आधे से अधिक मरीजों में कैंसर सेल्स को खत्म कर दिया. सबसे खास बात यह है कि करीब दो वर्षों की मॉनिटरिंग के बाद किसी भी मरीज में ये सेल्स दोबारा विकसित नहीं हुईं.
सर्जरी के बजाय वैक्सीन का प्रभावअभी तक, CIN3 (गंभीर प्री-कैंसर सेल्स) के इलाज के लिए एक सर्जिकल प्रक्रिया ‘लूप एक्सिशन’ का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें गर्भाशय ग्रीवा (सर्विक्स) से इन सेल्स को निकाला जाता है. यह प्रक्रिया असुविधाजनक और जोखिमभरी होती है, जिसमें संक्रमण, ब्लीडिंग और यहां तक कि भविष्य में प्रीमैच्योर डिलीवरी का खतरा भी शामिल है.
हालांकि, इस वैक्सीन के शुरुआती नतीजों ने डॉक्टरों और वैज्ञानिकों को नई उम्मीद दी है. यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर ग्रोनिंगन (नीदरलैंड) की गाइनोकोलॉजिस्ट डॉ. रफिका यिजिट का कहना है कि अगर बड़े पैमाने पर ट्रायल में यह परिणाम सही साबित होते हैं, तो आधी से अधिक महिलाओं को ऑपरेशन की जरूरत नहीं पड़ेगी और वे इसके नुकसानों से बच सकती हैं.
शोध के प्रमुख नतीजेशोध में 18 मरीजों को शामिल किया गया, जिन्हें तीन हफ्ते के अंतराल पर वैक्सीन की तीन डोज दी गई. 19 हफ्ते बाद, नौ मरीजों में कैंसरस सेल्स का आकार घट गया या वे पूरी तरह से खत्म हो गईं. बाकी 9 मरीजों में से चार के ऑपरेशन के दौरान कोई प्रीकैंसरस सेल्स नहीं पाई गईं, जो यह इशारा करता है कि वैक्सीन ने उनके लिए भी काम किया.
एचपीवी और सर्वाइकल कैंसरएचपीवी वायरस को सर्वाइकल कैंसर के 99.7% मामलों का कारण माना जाता है. भारत समेत कई देशों में 2008 से 12-13 साल की लड़कियों और हाल ही में लड़कों को भी एचपीवी वैक्सीन दी जा रही है. यह वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर के मामलों को कम करने में बेहद प्रभावी साबित हुई है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.