causes of heart attack in young man| How to prevent heart blockage | 45 साल के बाद पुरुषों में इंसुलिन रेजिस्टेंस जानलेवा, बढ़ जाता है हार्ट डिजीज का जोखिम

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causes of heart attack in young man| How to prevent heart blockage | 45 साल के बाद पुरुषों में इंसुलिन रेजिस्टेंस जानलेवा, बढ़ जाता है हार्ट डिजीज का जोखिम



हाल ही में हुए एक शोध में यह बात सामने आई है कि इंसुलिन प्रतिरोध (इंसुलिन रेजिस्टेंस) पुरुषों में एओर्टिक स्टेनोसिस के खतरे को बढ़ा सकता है, जो 45 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों में एक आम हार्ट डिजीज है.
यह शोध एनल्स ऑफ मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित हुआ है और इसमें यह बताया गया है कि कैसे इंसुलिन रेजिस्टेंस हार्ट अटैक का कारण बनने वाले महाधमनी स्टेनोसिस के जोखिम को बढ़ा सकता है. इस अध्ययन से हार्ट डिजीज के इलाज और जोखिम घटाने के लिए नए रास्ते खुल सकते हैं-
इंसुलिन रेजिस्टेंस से दिल की बीमारी 
इस शोध में फिनलैंड के कुओपियो विश्वविद्यालय अस्पताल के शोधकर्ताओं ने 45 से 73 वर्ष की आयु के 10,144 पुरुषों के डेटा का विश्लेषण किया और पाया कि जिन पुरुषों में उच्च इंसुलिन प्रतिरोध था, उनमें महाधमनी स्टेनोसिस  के विकसित होने का खतरा अधिक था. यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब हार्ट से शरीर में खून को पहुंचाने वाली धमनियां सिकुड़ने लगती हैं.समय रहते इसका इलाज न करने पर स्थिति गंभीर हो सकती है और हृदय को रक्त पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ सकती है. 
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बायोमार्कर की पहचान  
शोधकर्ताओं ने महाधमनी स्टेनोसिस से प्रभावित लोगों में इंसुलिन प्रतिरोध से संबंधित कई बायोमार्करों की पहचान की, जिनमें फास्टिंग इंसुलिन, प्रोइंसुलिन और सीरम सी-पेप्टाइड शामिल थे. इन बायोमार्करों ने महाधमनी स्टेनोसिस के महत्वपूर्ण प्रेडिक्टर के रूप में काम किया, और इस अध्ययन से यह स्पष्ट हुआ कि इंसुलिन प्रतिरोध महाधमनी स्टेनोसिस के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक हो सकता है. 
हेल्थ मेनेजमेंट जरूरी
डॉ. जोहाना कुसिस्टो, जो इस शोध की प्रमुख लेखिका हैं, ने कहा, “यह नई खोज इंसुलिन प्रतिरोध को महाधमनी स्टेनोसिस के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम कारक के रूप में उजागर करती है.” उन्होंने यह भी कहा कि इंसुलिन रेजिस्टेंस तेजी से आम हो रहा है, इसलिए मेटाबोलिक स्वास्थ्य का उचित प्रबंधन महाधमनी स्टेनोसिस के जोखिम को कम करने और बुजुर्गों में दिल की सेहत को सुधारने का एक नया तरीका हो सकता है.
स्टडी के निष्कर्ष 
इस अध्ययन में 10.8 वर्षों के औसत फॉलो-अप पीरियड के बाद 116 पुरुषों में महाधमनी स्टेनोसिस पाया गया. शोध के परिणामों से यह स्पष्ट हुआ कि वजन घटाने और नियमित व्यायाम से इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार किया जा सकता है, जो इस रोग के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है. डॉ. कुसिस्टो ने इस शोध के आधार पर और अधिक अध्ययन की आवश्यकता जताई है ताकि हार्ट डिजीज और अन्य संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए प्रभावी उपाय खोजे जा सकें.
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-एजेंसी-



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