विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की कैंसर रिसर्च एजेंसी, अंतर्राष्ट्रीय कैंसर शोध संस्थान (IARC) ने टैल्क को इंसानों के लिए जानलेवा बताया है. संस्था का कहना है कि इस पाउडर में कार्सिनोजेनिक यानी की कैंसर करने वाले टॉक्सिन होते हैं. हालांकि, एजेंसी ने इस बात पर भी जोर दिया है कि अभी इसके लिए और रिसर्च की जरूरत है. लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है.
महिलाओं में रहता है इस कैंसर का खतरा
IARC के अनुसार, टैल्क महिलाओं में ओवेरियन कैंसर का कारण बन सकता है. चूहे पर की गयी एक स्टडी के अनुसार, इसके शत प्रतिशत सबूत मिले हैं कि चूहों में टैल्क कैंसर से जुड़ा हुआ है. मानव कोशिकाओं में टैल्क के कार्सिनोजेनिक होने के संकेत मिले हैं.
इसे भी पढ़ें- हिना खान को ब्रेस्ट कैंसर ट्रीटमेंट से पहले कटवाने पड़े बाल, डॉ. से समझें हेयर और कीमोथेरेपी के बीच का कनेक्शन
क्या है टैल्क?
टैल्क एक नेचुरल रूप से पाया जाने वाला खनिज है जिसका खनन दुनिया भर में कई जगहों पर किया जाता है. इसका इस्तेमाल ज्यादातर मेकअप प्रोडक्ट जैसे- आईशैडो, ब्लश, और टैल्कम बेबी पाउडर बनाने में किया जाता है.
टैल्क का यूज क्या है?
टैल्क का उपयोग उत्पादों में नमी को अवशोषित करने, क्रेकिंग को रोकने, स्थिरता में सुधार करने या उत्पाद को अपारदर्शी बनाने के लिए किया जा सकता है.
टैल्क से कैसे होता है कैंसर?
एक रिपोर्ट के अनुसार, सारे टैल्क के इस्तेमाल से कैंसर नहीं होता है. इसका जोखिम तब होता है जब टैल्क के खनन स्थलों का सावधानीपूर्वक चयन नहीं किया जाता है, और यह एस्बेस्टस से दूषित हो जाता है. एस्बेस्टस एक कैंसर करने वाला यौगिक है जिसके जिसके संपर्क में आने से फेफड़ों में और उसके आसपास कैंसर का खतरा कई गुना तक बढ़ जाता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.