Carbohydrate Cravings Linked To Depression: अच्छी सेहत को बरकरार रखने के लिए चिंता से दूर रहने की सलाह दी जाती रही है, लेकिन अब एक और वजह आपको खुश रहन के लिए प्ररित करेगी. डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों को कार्बोहाइड्रेट रिच फूड आइटम्स की क्रेविंग हो सकती है, जिसका उनके मेंटल हेल्थ कंडीशन से भी कनेक्शन हो सकता है. एक स्टडी में ये जानकारी सामने आई है.
स्टडी के मुताबिक लगातार लो मूड से परेशान रहने वाले डिप्रेशन के मरीजों को भूख भी कम लगती है लेकिन जर्मनी (Germany) के यूनिवर्सिटी ऑफ बॉन (University of Bonn) के रिसर्चर्स समेत अलग-अलग शोधकर्ताओं ने कहा कि गंभीर अवसाद से ग्रस्त लोगों में कभी-कभी भोजन के प्रति लालसा उत्पन्न हो जाती है.
इस स्टडी के रिसर्चर और यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल बॉन विश्वविद्यालय में में मेडिकल साइकोलॉजी के प्रोफेसर निल्स क्रोमर (Nils Kroemer) ने कहा, ‘‘इन चेंजेज की वजह से शरीर के वजन में भी बदलाव हो सकता है.’’ साइकोलॉजिकल मेडिसिन (Psychological Medicine) जर्नल में छपी इस स्टडी में 117 प्रतिभागियों के ग्रुप्स को शामिल किया गया – जिनमें से 54 डिप्रेस्ड जबकि 63 हेल्दी लोग थे.
इन लोगों को ‘फूड क्यू रिएक्टिविटी टास्क’ पूरा करने के लिए कहा गया, जिसमें 60 फूड आइटम्स और 20 नॉन फूड आइटम्स को इस आधार पर रेटिंग दी गई कि वे उसे ‘चाहते’ हैं या ‘पसंद’ करते हैं. रिसर्चर्स ने पाया कि डिप्रेस्ड लोगों में भोजन की ‘इच्छा’ कम होती है, लेकिन ‘पसंद’ में कमी नहीं आती.
रिसर्चर्स के मुताबिक, ‘‘गंभीर डिप्रेशन से ग्रस्त रोगियों ने कार्बोहाइड्रेट रिच फूड्स की तुलना में हाई फैट और हाई प्रोटीन वाले फूड आइटम्स को कम पसंद किया और कम रेटिंग दी.” उन्होंने ये भी पाया कि ऐसे मरीजों के बीच फऐट और कार्बोहाइड्रेट रिच भोदन, जैसे दूध चॉकलेट को लेकर भी ज्यादा क्रेविंग थी.
नीदरलैंड (Netherlands) के मास्ट्रिच यूनिवर्सिटी (Maastricht University) में पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट लिली थर्न (Lilly Thurn) ने कहा कि जबकि कार्बोहाइड्रेट रिच फूड्स की क्रेविंगस आम तौर पर ज्यादा भूख से जुड़ी होती है, स्टडी से पता चला है कि कार्बोहाइड्रेट की क्रेविंग डिप्रेशन की ओवरऑल गंभीरता, खास तौर से एंग्जायटी के लक्षणों से ज्यादा जुड़ी है.
(इनपुट-भाषा)
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमें इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.