Captain Marvel actor Kenneth Mitchell dies after battling Lou Gehrig disease for 5 years | एएलएस डिजीज से 5 साल जूझने के बाद केनेथ मिशेल का निधन, जानें इस दिमागी बीमारी के बारे में सबकुछ

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Captain Marvel actor Kenneth Mitchell dies after battling Lou Gehrig disease for 5 years | एएलएस डिजीज से 5 साल जूझने के बाद केनेथ मिशेल का निधन, जानें इस दिमागी बीमारी के बारे में सबकुछ



Kenneth Mitchell death reason: मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स की फिल्म कैप्टन मार्वल (Captain Marvel) में जोसेफ डेनवर्स की भूमिका निभाने वाले कनाडाई अभिनेता केनेथ मिशेल (Kenneth Mitchell) का 49 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है. वह पिछले साढ़े पांच सालों से एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (ALS) नामक न्यूरोडिजेनरेटिव डिजीज (एक दिमागी बीमारी) से जूझ रहे थे. केनेथ के निधन की पुष्टि उनके वैरिफाइड इंस्टग्राम अकाउंट से जारी एक बयान के माध्यम से की गई.
एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (एएलएस) एक प्रोग्रेसिव न्यूरोडिजेनरेटिव बीमारी है जो दिमाग और रीढ़ की हड्डी में नर्व्स सेल्स को प्रभावित करती है. यह बीमारी मांसपेशियों में कमजोरी, लकवा और रेस्पिरेटरी फेलियर का कारण बनता है. दुर्भाग्य से, एएलएस का अभी तक कोई इलाज नहीं है और उपचार मुख्य रूप से रोग के लक्षणों को कंट्रोल करने और मरीज के जीवन की क्वालिटी में सुधार करने पर केंद्रित होते हैं.इस बीमारी का कारणएमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस के होने का असली कारण अभी भी स्पष्ट नहीं है, लेकिन माना जाता है कि जेनेटिक और पर्यावरणीय फैक्टर मिलकर इसे जन्म देते हैं. फिलहाल, इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है. चल रहे रिसर्च का उद्देश्य इस गंभीर बीमारी से लड़ने के लिए संभावित उपचारों और हस्तक्षेपों की खोज करना है.
एएलएस के लक्षणएएलएस के आम लक्षणों में मांसपेशियों में ऐंठन, खिंचाव और हाथों और पैरों में नियंत्रण का कम होना शामिल है. पीड़ित व्यक्ति हाथों और पैरों में कमजोरी और समस्या का अनुभव भी कर सकते हैं, जिससे चलने और रोजमर्रा के कामों में कठिनाई होती है. थकान, सांस लेने में तकलीफ और निगलने में परेशानी भी आम लक्षण हैं. जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, व्यक्ति हिलने-डुलने, खाने और बोलने की क्षमता खो सकते हैं.
एक्सपर्ट की रायद इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, गुरुग्राम स्थित आर्टेमिस अस्पताल में न्यूरोइंटरवेंशनल सर्जरी के प्रमुख और स्ट्रोक यूनिट के सह-प्रमुख डॉ. विपुल गुप्ता बताते हैं कि एएलएस व्यक्तियों के लिए लिखने या शर्ट के बटन लगाने जैसे कामों को करना चुनौतीपूर्ण बना देता है. सांस लेने में तकलीफ (खासकर रात में) श्वास की मांसपेशियां कमजोर होने के कारण भी हो सकती है.



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