कैंसर एक गंभीर बीमारी है. लाखों लोग हर साल कैंसर से जंग हार रहे हैं. कैंसर के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी मरीज के प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती है. महिलाओं में रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी से प्रीमेच्योर ओवेरियन फेल्योर (POF) हो सकता है. रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी से पुरुषों के स्पर्म को नुकसान हो सकता है जिस वजह से प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है. लेकिन कैंसर मरीज माता-पिता बन सकते हैं. फोर्टिस अस्पताल की प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की एचओडी डॉ अंजना सिंह ने बताया है कि कैंसर के मरीज माता-पिता बन सकते हैं.
प्रिसिजन मेडिसिन क्या है? कैंसर के इलाज के लिए प्रिसिजन मेडिसिन का इस्तेमाल किया जा रहा है. प्रिसिजन मेडिसिन में मरीज के जीन, प्रोटीन, लाइफस्टाइल आदि के आधार पर इलाज किया जाता है. कैंसर के इलाज के लिए यह तरीका सबसे उपयोगी है.
कैंसर मरीज बन सकते हैं माता-पिता कैंसर के इलाज में अधिकतर मामलों में प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है खासकर युवा मरीज में प्रजनन क्षमता पर अधिक असर पड़ता है. लेकिन प्रिसिजन मेडिसिन की मदद से युवा कैंसर मरीज को माता-पिता बनने का मौका मिल सकता है. एक्सपर्ट के अनुसार फर्टिलिटी प्रिजर्वेशन प्रक्रिया द्वारा युवा मरीज माता-पिता बन सकते हैं.
फर्टिलिटी प्रिजर्वेशनफर्टिलिटी प्रिजर्वेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें इलाज से पहले ही मरीज की प्रजनन क्षमता को बचाया जा सकता है. फर्टिलिटी प्रिजर्वेशन कैंसर मरीज के लिए बेहद फायदेमंद है. फर्टिलिटी प्रिजर्वेशन के दौरान पुरुषों के स्पर्म और महिलाओं के एग्स को फ्रीज किया जाता है.
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