Cancer diagnosis: कैंसर एक खतरनाक बीमारी है, जो शरीर के किसी भी भाग में विकसित हो सकती है. इसमें व्यक्ति के शरीर में अनियंत्रित रूप से सेल्स विकसित होती हैं, जिससे शरीर की सामान्य कार्यप्रणाली प्रभावित हो जाती है. आईआईटी कानपुर के स्टार्टअप फोटोस्पाइमेक्स ने एक ऐसा उपकरण बनाया है, जिसकी मदद से ओरल और सर्वाइकल कैंसर का शुरुआत में ही पता लगाना आसान हो जाएगा. इससे बीमारी का सही समय पर इलाज संभव हो सकेगा.
दो लाख रुपये कीमत वाले इस उपकरण से कैंसर की पुष्टि के लिए मरीज के खून की जांच नहीं करनी पड़ेगी. यह उपकरण ऑप्टिकल तकनीक की तरह त्वचा की स्क्रीनिंग कर लेजर के माध्यम से मिलने वाले सिग्नल के आधार पर बीमारी का पता लगाएगा. आईआईटी की छात्रा शिखा अहिरवार ने यह उपकरण बनाने में सफलता हासिल की है. उनका कहना है कि 2019 में संस्थान में आने के बाद स्टार्टअप के जरिए उन्होंने उपकरण पर काम शुरू किया. उन्होंने बताया कि फिलहाल उपकरण का क्लीनिकल ट्रायल एम्स भुवनेश्वर सहित देश के कई अस्पतालों में चल रहा है. इसमें जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, जेके कैंसर अस्पताल, लखनऊ का आरएमएल शामिल आदि हैं.गांव तक पहुंचेगा उपकरणशोधकर्ता ने बताया कि उपकरण आकार में छोटा और पोर्टेबल है, जिससे यह गांव-गांव तक ले जाना आसान होगा. जांच या अस्पताल के अभाव में इस उपकरण से सर्वाइकल और ओरल कैंसर के प्रसार पर रोक लगेगी.
महिलाओं के लिए खतरा सर्वाइकल कैंसरडब्ल्यूएचओ के मुताबिक सर्वाइकल कैंसर के 95% मामलों का कारण ह्यूमन पेपिलोमा वायरस या एचपीवी होता है. यह दुनिया में महिलाओं में होने वाला चौथा आम कैंसर है. एक रिपोर्ट के अनुसार 2020 में इसके 6,04,000 नए मामले आए थे और 3,42,000 महिलाओं की जान चली गई थी.
भारत में ओरल कैंसर से बड़ी आबादी प्रभावितभारत में ओरल कैंसर पुरुष और महिलाओं में तीसरा सबसे अधिक होने वाला कैंसर है. विशेषज्ञों ने दावा किया है कि दुनियाभर में मुख कैंसर के 86 फीसदी मामले भारत में होते हैं.