रजनीश यादव/प्रयागराज: शहरों के बीच एक से बढ़कर एक शानदार और मॉडर्न सुविधा वाले रेस्टोरेंट हैं. इस आधुनिकता के दौर में प्रकृति के बीचो-बीच रेस्टोरेंट बहुत कम देखने को मिलता है. जहां चाय-कॉफी के साथ शुद्ध प्राकृतिक हवा, पेड़ों की छांव मिल जाए. प्रयागराज में ही एक ऐसा रेस्टोरेंट है जो प्रकृति की गोद में बसाया हुआ दिखता है. यहां बैठने की व्यवस्था प्रकृति के बीच है, जहां लोगों को नाश्ते के साथ ही काफी सुकून मिलता है.
माही कैफे रेस्टोरेंट इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हॉल और हॉल छात्रावास की बीच में स्थित है. जहां पिछले 10 वर्ष से अनिल चौरसिया इस रेस्टोरेंट को चला रहे हैं. अनिल चौरसिया बताते हैं कि पेड़ों के बीच में स्थित होने के कारण यहां पर छाया बनी रहती है. शाम को 4:00 बजे से गर्मी के दिनों में यहां पर एक साथ 50 से ज्यादा लोग बैठकर पेड़ों की छांव में प्राकृतिक हवा के साथ चाय-कॉफी फास्ट फूड खाना आदि का मजा लेते हैं. कपल की पहली पसंद यही बन जाती है. इस बड़े से मैदान में कुर्सियों पर बैठे छात्र-छात्र है चाय कॉफी के साथ अपने करियर पर भी डिस्कस करते हैं. माही कैफे सुबह 9:00 बजे से लेकर शाम को 9:00 बजे तक खुला रहता है.
माही कैफे में मिलते हैं शानदार व्यंजनमाही कैफे लगभग 50 प्रकार की वैरायटी खाने-पीने की उपलब्ध है. लेकिन सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है तो माय कैफे का पराठा. अनिल बताते हैं कि ₹40 का एक पराठा मिलता है जो एक छात्रा के लिए पेट भरने के लिए पर्याप्त होता है. इसके अलावा रेस्टोरेंट में काफी ₹25, चाय ₹20, पाव भाजी ₹50 का मिलता है. कैफे का एरिया बड़ा होने के कारण खुला मैदान होने से पेड़ों के नीचे ग्रुप में लड़के बैठते हैं और बर्थडे पार्टी भी सेलिब्रेशन करते हैं. इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पढ़ने वाले छात्रों का यह पहली पसंद होता है क्योंकि गेट से निकलने के बाद सबसे पहले मैं कैफे रेस्टोरेंट ही पड़ता है
क्यों है सब की पहली पसंद हैमाय कैफे सब की पहली पसंद है इसका मुख्य कारण है इसका लोकेशन हॉल एंड हॉल छात्रावास विश्वविद्यालय के चर्चित छात्रावास में से एक है और पेड़ों के बीच स्थित होने के कारण माही कैसे लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है. यहां बैठकर लोग गर्मी में पेड़ों की ठंडी हवाओं के बीच उसके छाव में अपने पार्टनर के साथ दोस्तों के साथ समय बिताना पसंद करते हैं, खुला मैदान होने के कारण यहां उनका बात करने की पूरी स्वतंत्रता भी मिल जाती है.
.Tags: Food, Food 18, S, Street FoodFIRST PUBLISHED : March 20, 2024, 22:11 IST
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