भारतीय एडटेक दिग्गज Byju’s को एक बड़ा झटका लगा है. नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा दायर दिवाला याचिका को स्वीकार कर लिया है. क्रिकेट बोर्ड का दावा है कि Byju’s उस पर 158 करोड़ रुपये का स्पॉन्सरशिप बकाया है. यह उस कंपनी के लिए गिरावट का प्रतीक है, जो कभी भारत का सबसे वैल्यूएबल स्टार्टअप (22 बिलियन डॉलर) था.
मैनेजमेंट निलंबित और संपत्ति फ्रीज
Byju’s कोविड-19 महामारी के दौरान ऑनलाइन एजुकेशन के लिए फेमस हुआ. यह ऑफलाइन कोचिंग क्लास भी प्रोवाइड कराता है. Byju’s 21 से अधिक देशों में काम करता है. ट्रिब्यूनल ने लेनदारों की एक समिति बनने तक Byju’s के कार्यों की देखरेख के लिए एक अंतरिम रिजोल्यूशन प्रोफेशनल नियुक्त किया है. यह प्रभावी रूप से वर्तमान मैनेजमेंट को निलंबित कर देता है और कंपनी की संपत्ति को फ्रीज कर देता है.
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क्या Byju’s और BCCI के बीच विवाद?
Byju’s और BCCI में विवाद 2019 में जर्सी स्पॉन्सरशिप डील से उत्पन्न हुआ है. हालांकि, सितंबर 2022 तक भुगतान किए गए थे, लेकिन एडटेक कंपनी ने कथित रूप से अक्टूबर 2022 से मार्च 2023 तक के दायित्वों को पूरा नहीं किया. Byju’s ने BCCI के साथ मामले को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने की इच्छा व्यक्त की है और उच्च न्यायालय में NCLT के फैसले को चुनौती देने की योजना बना रहा है.
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इन्वेस्टर्स को भी लगा झटका
यह फैसला इन्वेस्टर्स के लिए भी झटका है, जिनमें से कई ने अपने इन्वेस्टमेंट को खारिज कर दिया था, क्योंकि कंपनी को एक नई इकाई द्वारा अधिग्रहित कर लिया जाएगा. NCLT कार्यवाही के बाद, Byju’s का प्रबंधन लेनदारों की एक समिति द्वारा किया जाएगा, जिसमें प्रबंधन और शेयरधारकों की कोई बात नहीं होगी. Byju’s के देनदारों को अपने बकाया राशि की वसूली के लिए समाधान का इंतजार करना होगा.