शाश्वत सिंह/झांसी : आधुनिक भारतीय चित्रकार अमृता शेरगिल की जयंती के अवसर पर बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के गांधी सभागार में कला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. कला प्रदर्शनी में चित्रकला के साथ ग्लास पेंटिंग, फोटोग्राफी, पोस्टर , नृत्य नाटिका, गायन, नृत्य एवं मूर्तिकला का प्रदर्शन भी किया गया. बीएफए तृतीय वर्ष के छात्रों के नेतृत्व में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें अमृता शेरगिल की तस्वीरों और उनके द्वारा बनाई गई पेंटिंग्स को प्रदर्शित किया गया.
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मुकेश पाण्डेय ने कहा कि कला संस्कृति की परिचायक है और इसके माध्यम से अतीत वर्तमान बन जाता है. उन्होंने कहा कि अमृता शेरगिल की कृतियों में तत्कालीन समय, समाज और संस्कृति को सहज ही देखा जा सकता है. विशिष्ट अतिथि प्रो. मुन्ना तिवारी ने छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि इस तरह का प्रयास सभी छात्रों को करना चाहिए जिससे हमें अपने क्षेत्र के प्रमुख लोगों को जानने और समझने में मदद मिले. उन्होंने छात्रों की कई पेंटिंग्स को अपने दफ्तर में लगाने का फैसला भी लिया.
क्या है इस कला प्रदर्शनी का उद्देश्य?ललित कला संस्थान की समन्वयक डॉ. श्वेता पाण्डेय ने बताया कि अमृता शेरगिल की जयंती के अवसर पर हर साल बीएफए तृतीय वर्ष के छात्रों द्वारा कला प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है. इस कला प्रदर्शनी का उद्देश्य जहां भारतीय कलाकारों के कला में योगदान को याद करना है. वहीं कला प्रदर्शनी के आयोजन की बारीकियों से छात्रों को परिचित कराना है. इस दौरान अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाली कला प्रदर्शनी वामिका 2024 के पोस्टर का विमोचन किया गया. यह कला प्रदर्शनी 12-14 मार्च 2024 को आयोजित की जाएगी.
कौन थी अमृता शेरगिल?अमृता शेरगिल भारत के प्रसिद्ध चित्रकारों में से एक थी. 30 जनवरी 1913 को बुडापेस्ट (हंगरी) में उनका जन्म हुआ था. अमृता शेरगिल ने कैनवास पर भारत की एक नई तस्वीर उकेरी थी. उन्होंने भारतीय चित्रकला को एक नई दिशा देकर इसे प्रभावित किया था. अपने छोटे से जीवन काल में उन्होंने कई ऐसी पेंटिंग्स बनाएं जो सदियों तक याद रखी जाती है.
.Tags: Jhansi news, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : February 3, 2024, 20:32 IST
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