बुलंदशहर में जैविक खाद तैयार कर किसान रहा हैं गन्ने की खेती, हो रहा हैं कई गुना फायदा

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बुलंदशहर में जैविक खाद तैयार कर किसान रहा हैं गन्ने की खेती, हो रहा हैं कई गुना फायदा



मुकेश राजपूत/बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश में जनपद बुलंदशहर के गांव धनियावली में किसान अपने खेत में जैविक खाद तैयार कर ट्रेंच विधि द्वारा गन्ने की खेती कर रहे हैं. किसान का कहना है कि नई तकनीक से खेती करने पर कम क्षेत्रफल में भी पहले की अपेक्षा कई गुना अधिक गन्ने की पैदावार हो रही है. जिससे किसानों में आर्थिक रूप से मजबूती हो रही है. साथ ही इस तरीके से खेती करने में लागत भी कम लग रही है.किसान मुनित चौधरी ने बताया कि उन्होंने करीब अपने खेतों में 80-85 बीघा गन्ना बोया हुआ है और उन्होंने अपने गन्ने की फसल को टंच विधि से बोकर तैयार किया है तथा गाय के गोबर तथा मूत्र से जैविक खाद तैयार कर गन्ने की फसल में लगाया है. समय-समय पर विभिन्न रोगों से गन्ने की फसल को बचाने के लिए गोमूत्र का छिड़काव भी गन्ने की फसल में किया है. वह अपने गन्ने की फसल में केवल अपने घर तैयार हुए जैविक खाद को ही लागत के रूप में लगाते हैं और वह खेत में ट्रेंच विधि से गन्ना बोकर टमाटर और हरी मिर्च की दो फसल भी ले रहे हैं. उन फसलों में भी वह केवल जैविक खाद तथा गोमूत्र का ही प्रयोग कर रहे हैं.ट्रेंच विधि से गन्ना उत्पादन में लाभउनका कहना है कि गन्ने इस तरीके से गन्ने की फसल को उगाने में काफी अच्छी पैदावार हो रही है. वह करीब एक बीघा खेत में 90 से 100 कुंटल तक गन्ना पैदा कर लेते हैं तथा गन्ने के साथ-साथ अन्य दो फसलें भी आसानी से होगा लेते हैं. जिससे अन्य विधि द्वारा गन्ने की फसल को गाने पर इतना फायदा नहीं होता है कि जितना जैविक खाद वह टच विधि द्वारा गन्ने की फसल को बोकर हो रहा है. हालांकि उनके खेत का गन्ना काफी लंबा और मोटा भी हो जाता है तथा अन्य विधि से गन्ने को उगाया जाता है तो वह दो या तीन बार बांधा जाता है. मगर जैविक खाद बटंस विधि की मदद से उनका गन्ना बहुत लंबा हो जाता है तो वह उस बनने को करीब 5 जगह बांधते हैं..FIRST PUBLISHED : July 22, 2023, 23:00 IST



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