Brij’s Holi adds color to Kumaon too, listen to Padmashree’s words

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क्या वाकई रात को इत्र या परफ्यूम लगाने से पास आती है नकारात्मक ऊर्जा?

Agency:Local18Last Updated:February 23, 2025, 15:54 ISTब्रज की होली विश्व प्रसिद्ध है, जिसे देखने देश-विदेश से लोग आते हैं. पद्मश्री मोहन स्वरूप भाटिया ने बताया कि ब्रजवासी होली धूमधाम से मनाते हैं और इसका रंग कुमाऊं व विदेशों तक फैलता है.X

कुमाऊं में भी आज ब्रज में होली रे रसिया के गीत गाए जाते हैं.हाइलाइट्सब्रज की होली विश्व प्रसिद्ध है, देश-विदेश से लोग आते हैं.कुमाऊं में भी ब्रज की होली के गीत गाए जाते हैं.पद्मश्री मोहन स्वरूप भाटिया ने होली की धूमधाम बताई.मथुरा : मथुरा का ब्रज अपनी होली के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है. यहाँ होली का जश्न देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं. ब्रज की होली का रंग लोगों के सिर चढ़कर बोलता है. यहाँ हर कोई होली के रंग में रंगा हुआ दिखता है. आइए जानते हैं पद्मश्री कलाकार क्या कहते हैं कि कुमाऊं के लोगों पर कैसे होली का रंग चढ़ता है.

कुमाऊं में भी ब्रज में होली के गीत गाए जाते हैंपद्मश्री मोहन स्वरूप भाटिया जी कहते हैं कि होली का त्यौहार ब्रज के लिए बहुत खास होता है.”आज बिरज में होरी रे रसिया, आज बिरज में होरी रे रसिया. होरी रे होरी रे बरजोरी रे रसिया. अपने अपने घर से निकसी, कोई श्यामल कोई गोरी रे रसिया. कौन गावं के कुंवर कन्हिया, कौन गावं राधा गोरी रे रसिया. नन्द गावं के कुंवर कन्हिया, बरसाने की राधा गोरी रे रसिया. कौन वरण के कुंवर कन्हिया, कौन वरण राधा गोरी रे रसिया. श्याम वरण के कुंवर कन्हिया प्यारे, गौर वरण राधा गोरी रे रसिया. इत ते आए कुंवर कन्हिया, उत ते राधा गोरी रे रसिया. कौन के हाथ कनक पिचकारी, कौन के हाथ कमोरी रे रसिया. कृष्ण के हाथ कनक पिचकारी, राधा के हाथ कमोरी रे रसिया. उडत गुलाल लाल भए बादल, मारत भर भर झोरी रे रसिया. अबीर गुलाल के बादल छाए, धूम मचाई रे सब मिल सखिया. चन्द्र सखी भज बाल कृष्ण छवि, चिर जीवो यह जोड़ी रे रसिया. आज बिरज में होरी रे रसिया, होरी रे होरी रे बरजोरी रे रसिया.”

ब्रजवासी होली बड़ी धूमधाम से मनाते हैंपद्मश्री मोहन स्वरूप भाटिया ने होली के इस अनोखे अंदाज के बारे में बताया. उन्होंने बताया कि कैसे ब्रज में लोग होली के रंग में डूब जाते हैं. उन्होंने कहा कि होली का रंग सिर्फ ब्रज में ही नहीं बल्कि पूरे देश और विदेशों तक पहुंचता है. लोग यहां आकर होली का पूरा आनंद लेते हैं और राधा कृष्ण की मस्ती में झूमते हैं. मोहन स्वरूप भाटिया ने बताया कि ब्रज की होली की धूम पूरी दुनिया में है. समुद्र किनारे बनी कुटिया से लेकर हिमालय की चोटी तक, हर जगह होली का जश्न मनाया जाता है. उन्होंने बताया कि होली का त्यौहार बहुत खास होता है और ब्रजवासी इसे बड़ी धूमधाम से मनाते हैं. मोहन स्वरूप भाटिया ने कहा कि होली का रंग सिर्फ ब्रज में ही नहीं बल्कि कुमाऊं और विदेशी लोगों पर भी चढ़ता है. कुमाऊं में भी आज ब्रज की होली के गीत गाए जाते हैं क्योंकि यहाँ की भाषा सरल, सहज और रस से भरी होती है.
Location :Mathura,Uttar PradeshFirst Published :February 23, 2025, 15:54 ISThomeuttar-pradeshबृज की होली का कुमाऊं में भी चढ़ा रंग, देश-विदेश से आते हैं लोग

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