Breastfeeding for 6 months will reduce the risk of cancer in child by 20 percent | मां का दूध बनेगा बच्चे की ढाल! 6 महीने तक स्तनपान से 20% तक कम होगा कैंसर का खतरा

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Breastfeeding for 6 months will reduce the risk of cancer in child by 20 percent | मां का दूध बनेगा बच्चे की ढाल! 6 महीने तक स्तनपान से 20% तक कम होगा कैंसर का खतरा



ल्यूकेमिया बच्चों में पाया जाने वाला सबसे आम कैंसर है. हालांकि, ज्यादातर मामलों में इसकी सटीक वजह अब तक स्पष्ट नहीं हो पाई है. वैज्ञानिकों के अनुसार, केवल 10-15% मामलों में यह बीमारी दुर्लभ जेनेटिक दोष (genetic abnormalities) से जुड़ी होती है, जबकि बाकी मामलों का कोई स्पष्ट कारण नहीं मिलता. लेकिन हाल ही में किए गए शोध में एक चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई है कि ब्रेस्टफीडिंग (स्तनपान) बच्चों को ल्यूकेमिया से बचाने में मदद कर सकता है.
हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, 6 महीने तक स्तनपान कराने वाले बच्चों में एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिय विकसित होने की संभावना 20% तक कम हो सकती है. इसके अलावा, शोध से यह भी पता चला है कि ब्रेस्टफीडिंग अन्य प्रकार के बचपन के कैंसर जैसे कि एक्यूट मायलॉयड ल्यूकेमिया, हॉजकिन्स लिंफोमा और न्यूरोब्लास्टोमा के खतरे को भी कम कर सकता है.
कैसे काम करता है मां का दूध?दिल्ली स्थित सीके बिड़ला हॉस्पिटल में मेडिकल ऑन्कोलॉजी के कंसल्टेंट डॉ. नितिन एसजी बताते हैं कि मां के दूध को हमेशा से ही बच्चे की सेहत के लिए अमृत समान माना गया है. यह न सिर्फ पोषण प्रदान करता है, बल्कि शिशु की इम्यूनिटी को भी मजबूत बनाता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि स्तन के दूध में मौजूद इम्यून सेल्स और बायोएक्टिव कंपाउंड्स शिशु के शरीर में इम्यून सिस्टम को मजबूत करने, आंतों की सेहत सुधारने और ओवरऑल इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करते हैं. मां के दूध में मौजूद मातृ एंटीबॉडीज और लिम्फोसाइट्स शिशु की इम्यून प्रतिक्रिया को सही तरीके से विकसित करने में मददगार होते हैं. इससे शरीर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से लड़ने में सक्षम बनता है.
ब्रेस्टफीडिंग के फायदे सिर्फ पोषण तक सीमित नहीं!बच्चे की शुरुआती जिंदगी में एक मजबूत इम्यून सिस्टम का निर्माण करना बेहद ज़रूरी होता है, और स्तनपान इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह बच्चे को संक्रमण, एलर्जी, मोटापा और अन्य गंभीर बीमारियों से बचाने में मदद करता है. ल्यूकेमिया जैसे कैंसर से बचाव में ब्रेस्टफीडिंग की भूमिका एक आसान और नेचुरल उपाय हो सकता है.
क्या कहती है आगे की रिसर्च?हालांकि, वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी इस विषय पर और भी गहराई से अध्ययन किए जाने की जरूरत है. इस रिसर्च के सह-लेखक डॉ. स्टीफन हर्जिग ने बताया कि हमारे अध्ययन से यह साफ है कि स्तनपान वयस्कों में इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के साथ-साथ बच्चों में ल्यूकेमिया जैसी घातक बीमारी के खतरे को कम कर सकता है. शोधकर्ताओं का अगला लक्ष्य यह समझना है कि कैसे ब्रेस्टमिल्क शिशु की बीटा सेल्स के विकास को प्रभावित करता है और इंसुलिन उत्पादन में मदद करता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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