Brain Stroke Attack: भारत की मौजूदा सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस की शुरुआत धीरूभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani) ने की थी. रिलायंस संस्थापक का निधन 6 जुलाई 2002 को हुआ था. मगर मृत्यु से पहले एक हफ्ते से भी ज्यादा समय धीरूभाई अंबानी ने कोमा में बिताया. दरअसल, धीरूभाई पर पड़े स्ट्रोक अटैक के कारण उनकी ये हालत हुई थी. आपको बता दें कि धीरूभाई अंबानी को इससे पहले भी 1986 में ब्रेन स्ट्रोक अटैक हुआ था. जिसके बाद उनका दायां हाथ लकवाग्रस्त हो चुका था. आज यानी 29 अक्टूबर को वर्ल्ड स्ट्रोक डे (world stroke day) भी मनाया जाता है. आइए जानते हैं कि स्ट्रोक की बीमारी कितनी खतरनाक है और इसके लक्षण क्या हैं?
Stroke Meaning in hindi: स्ट्रोक क्या है?
जेपी हॉस्पिटल में न्यूरोलॉजी विभाग में बतौर सीनियर कंसल्टेंट कार्यरत डॉ. मनीष गुप्ता बताते हैं कि लोग स्ट्रोक को दिल की बीमारी से जोड़ लेते हैं. लेकिन स्ट्रोक एक दिमागी बीमारी है, जिस कारण इसे ब्रेन स्ट्रोक या ब्रेन अटैक भी कहा जाता है. स्ट्रोक के अंदर दिमाग में मौजूद रक्त वाहिकाओं में से किसी एक में ब्लड फ्लो ब्लॉक हो जाता है. जिससे दिमाग की कार्यक्षमता प्रभावित हो जाती है. इस प्रकार को इस्कीमिक स्ट्रोक भी कहा जाता है.
वहीं, एक्सपर्ट के मुताबिक दिमाग की किसी रक्त वाहिका के फट जाने से होने वाली ब्लीडिंग को भी स्ट्रोक कहा जाता है. स्ट्रोक के इस प्रकार को ब्रेन हेमरेज या हेमरेजिक स्ट्रोक भी कहा जाता है. एक्सपर्ट के मुताबिक, खराब जीवनशैली, मोटापा और डायबिटीज स्ट्रोक के मुख्य कारणों (causes of brain stroke) में शामिल हैं.
‘गर्दिश में सितारे’ सीरीज के सभी आर्टिकल पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
Brain Stroke Signs and Symptoms: ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण और संकेत
सीडीसी के मुताबिक, ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण और संकेत निम्नलिखित हो सकते हैं. जैसे-
खासतौर से शरीर के एक हिस्से के चेहरे, हाथ या पैर में अचानक कमजोरी या सुन्नपन
बोलने में अचानक दिक्कत आना, शब्दों का अस्पष्ट निकलना
एक या दोनों आंखों से अचानक दिखने में दिक्कत होना
चलने में अचानक परेशानी आना, संतुलन खोना या चक्कर आना
बेवजह अचानक गंभीर सिरदर्द होना, आदि
स्ट्रोक की पहचान करने के लिए F.A.S.T.
डॉ. मनीष गुप्ता ने बताया कि अगर आपको किसी व्यक्ति में स्ट्रोक की तुरंत पहचान करना है, तो आप इन आसान टेस्ट से पता कर सकते हैं.
F= Face = व्यक्ति से मुस्कुराने के लिए कहें, स्ट्रोक के कारण चेहरे का एक हिस्सा निष्क्रिय या गिरा हुआ रहता है.
A= Arm = व्यक्ति से दोनों हाथ उठाने के लिए कहें. स्ट्रोक के कारण एक हाथ नीचे की ओर गिरा रहेगा.
S= Speech = व्यक्ति से एक आसान-सा संवाद दोहराने के लिए कहें. स्ट्रोक के कारण शब्द साफ नहीं बोल पाते हैं.
T= Time = स्ट्रोक के इन लक्षणों के दिखने पर तुरंत अस्पताल ले जाएं.
ये भी पढ़ें: गर्दिश में सितारे: इस ‘डरावनी’ बीमारी ने Vicky Kaushal की हालत कर दी थी बहुत खराब, झेलने वालों की रूह कांप जाती है
Brain Stroke Treatment: ब्रेन स्ट्रोक का इलाज
डॉ. मनीष गुप्ता के मुताबिक, अगर मरीज में स्ट्रोक के लक्षण दिखते हैं, तो 4 घंटे के अंदर चिकित्सीय मदद लेना बहुत जरूरी है. स्ट्रोक के नुकसान से पूरी तरह रिकवर करने के लिए यह समय बहुत कीमती है. एक्सपर्ट्स मरीज को एंबुलेंस के द्वारा या किसी दूसरे व्यक्ति द्वारा ड्राइव करवाकर अस्पताल जाने की सलाह देते हैं.
सीडीसी सुझाव देता है कि स्ट्रोक अटैक से पीड़ित मरीज को एंबुलेंस के द्वारा अस्पताल ले जाना चाहिए. क्योंकि, उसका इलाज एंबुलेंस में ही शुरू किया जा सकता है. जिससे उसे समय रहते जरूरी चिकित्सा मिल पाती है.
सीडीसी के मुताबिक, इस्कीमिक स्ट्रोक के मरीज को अस्पताल में सबसे पहले क्लॉट-बस्टिंग दवा दी जाती है. जिससे क्लॉट बनने से रोका जा सकता है.
इसके अलावा, स्ट्रोक के मरीज को एंडोवैस्कुलर प्रोसीजर या सर्जिकल ट्रीटमेंट के द्वारा सर्जरी करके स्ट्रोक का इलाज किया जाता है.
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.