Last Updated:April 24, 2025, 08:11 ISTBoard Result Pressure: बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे आने वाले हैं. ऐसे में अगर आपका बच्चा ज्यादा तनाव ले और सामान्य व्यवहार न करें तो इसे हल्के में न लें. उसकी परेशानी समझें और दोस्त बनकर उसे इस मौके पर सहारा दें ता…और पढ़ेंX
परीक्षा प्रोफाइल फोटोहाइलाइट्सबच्चों के व्यवहार में बदलाव पर ध्यान दें.अंकों का दबाव न डालें, कौशल पर फोकस करें.बच्चों को दोस्त की तरह सहारा दें.Board Result Pressure: अधिकतर युवाओं का सपना होता है कि वे बोर्ड परीक्षा में अच्छे अंक पाएं और करियर में कुछ अच्छा करें. लेकिन कई बार जब परीक्षा परिणाम अपेक्षा के अनुरूप नहीं आता, तो छात्र तनाव का शिकार हो जाते हैं. अप्रैल के इस हफ्ते में भी कई बोर्ड परीक्षाओं के नतीजे आने हैं. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए लोकल-18 की टीम ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में मनोविज्ञान विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अंशु अग्रवाल से खास बातचीत की.
नंबरों को लेकर ना बनाएं दबावडॉ. अंशु अग्रवाल ने कहा कि बोर्ड परीक्षा के परिणाम जल्दी ही घोषित होने वाले हैं. विद्यार्थियों को उनके उत्तरों के अनुसार अंक मिलेंगे. ऐसे में माता-पिता की भूमिका बेहद अहम हो जाती है. उन्हें बच्चों के साथ दोस्त की तरह व्यवहार करना चाहिए और हर स्थिति में उनका साथ देना चाहिए. बोर्ड परिणाम को लेकर छात्र पहले से ही मानसिक दबाव में रहते हैं. अगर ऐसे समय में परिवार उनका सहारा बनता है, तो वे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकते हैं लेकिन जब माता-पिता ही अंकों को लेकर दबाव डालते हैं, तो इससे विद्यार्थियों का तनाव और बढ़ जाता है.
नंबर नहीं, कौशल पर दें ध्यानडॉ. अग्रवाल मानती हैं कि जीवन में कई ऐसे उदाहरण मिलते हैं जहां हाई स्कूल या इंटरमीडिएट में औसत अंक लाने वाले छात्र आगे चलकर बड़ी उपलब्धियां हासिल करते हैं. इसलिए युवाओं को अंकों की चिंता छोड़कर अपने कौशल विकास (स्किल डेवलेपमेंट) पर फोकस करना चाहिए. असफलताओं से सीख लेकर ही सफलता की राह बनती है.
बच्चों के व्यवहार में बदलाव पर रखें नजरडॉ. अग्रवाल के अनुसार, परीक्षा परिणाम को लेकर तनाव में आए युवाओं के व्यवहार में बदलाव स्पष्ट दिखाई देता है. वे छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ाने लगते हैं, उनका ध्यान भटक जाता है, और खानपान की आदतों में भी परिवर्तन नजर आता है. ऐसे संकेत मिलते ही अभिभावकों को सतर्क हो जाना चाहिए और बिना डांट-डपट के बच्चों से संवाद कर उन्हें मानसिक सहारा देना चाहिए.
केवल मार्क्स नहीं हैं प्रतिभा की पहचानबोर्ड परीक्षा परिणाम के समय अधिकतर छात्र इस उम्मीद में होते हैं कि वे अच्छे अंक लाकर किसी प्रतिष्ठित कॉलेज में दाखिला लें. लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि केवल अंक ही किसी की प्रतिभा को परिभाषित नहीं करते. जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, और हर परिस्थिति से सीखकर ही इंसान आगे बढ़ता है.
Location :Meerut,Uttar PradeshFirst Published :April 24, 2025, 08:11 ISThomecareerबोर्ड रिजल्ट के पहले चुप-चुप सा रहे बच्चा, बदला लगे व्यवहार तो हो जाएं सावधान!