हड्डी कमजोर होना आम तौर पर बुढ़ापे से जुड़ी समस्या मानी जाती है. लेकिन हाल के अध्ययनों से पता चला है कि युवाओं में भी हड्डी से जुड़ी गंभीर बीमारी, ऑस्टियोआर्थराइटिस (जोड़ों का घिसना) का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. आधुनिक जीवनशैली की कुछ आदतें इस बढ़ते जोखिम में प्रमुख भूमिका निभा रही हैं.
आइए जानते हैं कि किन आदतों से बचना जरूरी है और हड्डियों को मजबूत रखने के लिए क्या करना चाहिए.
शारीरिक रूप से एक्टिव नहींशारीरिक गतिविधि न करना हड्डियों के लिए हानिकारक है. युवाओं में बढ़ता स्क्रीन टाइम और कम शारीरिक व्यायाम हड्डियों की मजबूती कम कर सकता है.
अनहेल्दी खान-पानजंक फूड, प्रोसेस्ड फूड और कैफीन का अत्यधिक सेवन हड्डियों को कमजोर करता है. कैल्शियम, विटामिन डी और प्रोटीन से भरपूर बैलेंस डाइट हड्डियों के लिए जरूरी है.
धूम्रपान और शराबधूम्रपान और शराब का सेवन हड्डियों के विकास और मजबूती को बाधित करता है. इन बुरी आदतों को त्यागना हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है.
अत्यधिक वजनअधिक वजन या मोटापा जोड़ों पर ज्यादा तनाव डालता है, जिससे ऑस्टियोआर्थराइटिस का खतरा बढ़ जाता है. स्वस्थ वजन बनाए रखना हड्डियों के लिए फायदेमंद है.
खराब पोस्चरगलत बैठने और खड़े रहने की आदत हड्डियों और जोड़ों पर गलत तरीके से दबाव डालती है, जिससे उनका कटाव हो सकता है. सही पोस्चर का अभ्यास हड्डियों की सेहत के लिए महत्वपूर्ण है.
हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए टिप्स- वेट ट्रेनिंग हड्डियों की डेंसिटी को बढ़ाती है और उन्हें मजबूत बनाती है. हफ्ते में कम से कम दो बार वजन उठाने की कसरत करें.- हड्डियों के लिए कैल्शियम और विटामिन डी जरूरी हैं. डेयरी प्रोडक्ट्स, हरी पत्तेदार सब्जियां और कैल्शियम सप्लीमेंट्स कैल्शियम के अच्छे सोर्स हैं. विटामिन डी के लिए धूप सेंकना और विटामिन डी फोर्टिफाइड फूड्स का सेवन फायदेमंद है.- पर्याप्त नींद हड्डियों के टिश्यू रिपेयर में मदद करती है. युवाओं को प्रतिदिन 7-8 घंटे की नींद लेने की कोशिश करनी चाहिए.- गिरने या अचानक झटके लगने से हड्डी टूटने का खतरा बढ़ जाता है. अत्यधिक खतरनाक गतिविधियों से बचना समझदारी है.- यदि आपको हड्डियों में दर्द, सूजन या कमजोरी महसूस होती है, तो बिना देरी किए डॉक्टर से परामर्श लें. उचित निदान और उपचार हड्डियों की सेहत को बनाए रखने में मदद कर सकता है.