बीमारी के मारे, ये सितारे/सुरेंद्र अग्रवाल: बॉलीवुड में एक हीरोइन ऐसी थी, जिसकी खूबसूरती के चर्चे हर जगह थे. जिसे कोई एक बार देख ले, तो उसका दीवाना हो जाए. इसके साथ ही, वह अपनी एक्टिंग से भी लोगों को कायल कर देती थी. लेकिन, सिर्फ 36 साल की उम्र में दिल की बीमारी ने उनकी जान ले ली. यह ‘हुस्न की मल्लिका’ और कोई नहीं, बल्कि मधुबाला थी. जिन्हें डॉक्टर ने सिर्फ 2 साल की मेहमान बताया था. मधुबाला को वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट (Ventricular Septal Defect) था. आइए इस बीमारी के बारे में विस्तार से जानते हैं.
‘बीमारी के मारे, ये सितारे’ सीरीज के सभी आर्टिकल पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…
Ventricular Septal Defect: क्या है दिल की बीमारी ‘वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट’?वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट एक दिल की बीमारी है, जिसमें दिल की दीवार में छेद होता है. यह बीमारी जन्मजात होती है. दिल में यह छेद दिल के लोअर चैंबर्स को विभाजित करने वाली दीवार ‘सेप्टम’ में होता है. जिसके कारण एक ventricles से दूसरे ventricles में ब्लड आता है. यह ब्लड बाहर जाने की जगह फेफड़ों में आने लगता है. जिसके कारण दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है.
Symptoms of VSD: वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट के लक्षणमायोक्लीनिक के मुताबिक, दिल में छेद होने के लक्षण बचपन में ही दिखने लगते हैं. लेकिन कई बार यह वयस्क होने पर दिखते हैं. जैसे-
खाने में दिक्कत
विकास में बाधा
तेज सांसें
सांस फूलना
जल्दी थकावट होना, आदि
ये भी पढ़ें: बीमारी के मारे, ये सितारे: इस बीमारी के कारण अपना चेहरा नहीं पहचान पाती थी छोटे पर्दे की ‘कुमकुम’, जानें लक्षण
वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट के कारणमायोक्लीनिक के मुताबिक, वेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट भ्रूण में दिल का सही से विकास ना होने के कारण होता है. इसके पीछे कई जेनेटिक्स और एंवायरमेंटल फैक्टर्स हो सकते हैं. हालांकि, सटीक कारण के बारे में अभी तक पता नहीं लग पाया है. दिल का यह छेद हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकता है. जिसके कारण हार्ट फेलियर व हार्ट अटैक का खतरा भी हो सकता है.
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.