मुकेश कुमार राजपूत/बुलंदशहर. उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जनपद के सरकारी अस्पतालों में लीगल एक्स-रे नहीं किये जा रहे हैं. जिले के सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ रेडियोलॉजिस्ट के पद काफी समय से खाली है. वर्तमान में यहां के तीन अस्पतालों में चार रेडियोलॉजिस्ट तैनात हैं. रेडियोलॉजिस्ट की कमी के कारण मरीजों के अलावा पुलिसकर्मियों को भी परेशान होना पड़ता है. दुर्घटना या मारपीट में घायल व्यक्ति के अलावा विभिन्न आपराधिक अथवा न्यायालय के निर्देशों के बाद होने वाले लीगल मेडिकल केसों में चिकित्सीय परीक्षण करने के लिए जिले भर की पुलिस को जिला अस्पताल आना पड़ता है. मगर कई बार समय से नहीं आने के कारण पुलिस को मेडिकल लीगल एक्स-रे के लिए दो दिन अस्पताल का चक्कर लगाना पड़ता है.
बता दें कि, संयुक्त चिकित्सालय सिकंदराबाद, जटिया चिकित्सालय, खुर्जा और 100 बेड राजकीय चिकित्सालय डिबाई व गुलावठी को छोड़ अन्य समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर रेडियोलॉजिस्ट का पद रिक्त है. गुलावठी सीएचसी में तैनात रेडियोलॉजिस्ट तीन दिन सिकंदराबाद संयुक्त चिकित्सालय में सेवाएं देते हैं. जिला महिला अस्पताल में दो रेडियोलॉजिस्ट तैनात हैं. जिला महिला अस्पताल में एक रेडियोलॉजिस्ट तैनात है. जिला अस्पताल में एक रेडियोलॉजिस्ट तैनात है. इन्हें अल्ट्रासाउंड करने के साथ-साथ मेडिको लीगल के मामले भी देखने पड़ते हैं. ऐसे में सामान्य मरीज तो एक्स-रे टेक्नीशियन के सहारे अपना एक्स-रे करा लेते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी पुलिस को उठानी पड़ती है.
सरकारी अस्पतालों में रेडियोलॉजिस्ट की कमी
बुलंदशहर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी विनय कुमार सिंह का कहना है कि लीगल एक्स-रे जिला अस्पताल में किए जा रहे हैं. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर रेडियोलॉजिस्ट विशेषज्ञ की तैनाती नहीं होने के कारण जिला अस्पताल में लीगल एक्स-रे कराए जा रहे हैं. रेडियोलॉजिस्ट विशेषज्ञ की तैनाती के लिए शासन को कई बार पत्र लिखा जा चुके है, लेकिन अभी तक तैनाती नहीं हुई है. ऐसे में एक्स-रे रिपोर्ट को छोड़ कर अन्य मेडिकल रिपोर्ट संबंधित चिकित्सालय में जारी की जाती है.
.Tags: Bulandshahr news, District Hospital, Up news in hindi, Uttar Pradesh Health DepartmentFIRST PUBLISHED : June 05, 2023, 12:02 IST
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