Bjp may face tough fight on 20 seats during up assembly election 2022 upns

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लखनऊ. आगामी विधानसभा 2022 (UP Assembly Election 2022) चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दल जोड़ तोड़ की आजमाइश में जुटे हुए है. उधर, यूपी की 403 में से 300 से ज्यादा सीटों पर कब्जा जमाने वाली भाजपा (BJP) को भला क्या चिंता हो सकती है. भाजपा के नेताओं का आत्मविश्वास बताता रहता है कि हौंसले कितने बुलंद हैं, लेकिन चुनावी चिंता सभी को दबोचे रहती है. दुनियां की सबसे बड़ी पार्टी भी इससे अछूती नहीं है. भले ही उसके पास यूपी में 300 से ज्यादा सीटें हैं. लेकिन, इनमें से 20 ऐसी सीटें जहां उसे नाकों चने चबाने पड़ सकते हैं. क्योंकि इन सभी सीटों पर समाजवादी पार्टी बहुत कम मार्जिन से ही पीछे हैं. ये वो सीटें हैं जिसे भाजपा ने प्रचंड लहर में बहुत कम अंतर से जीती थीं. यदि थोड़े भी समीकरण गड़बड़ाए तो सीटें हाथ से फिसल सकती हैं.
आइये जानते हैं कि कौन-कौन सी सीटों पर 2022 के चुनाव में भाजपा के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी हो सकती है. इनमें पश्चिमी यूपी से लेकर पूर्वी यूपी तक की सीटें शामिल हैं. न्यूज़ 18 ने उन 20 सीटों की डिटेल निकाली है जहां भाजपा को 2017 में जीत तो मिल गयी थी लेकिन, उसकी जीत का अंतर पांच हजार से कम था. इन सभी सीटों पर समाजवादी पार्टी दूसरे नंबर पर थी. पटियाली, आंवला, तिलहर, धौरहरा, महोली, लखनऊ सेन्ट्रल, अमेठी, भरथना, बिधुना, पट्टी, टांडा, श्रावस्ती, फरेंदा, गोरखपुर ग्रामीण, भदोही और नकुर ऐसी ही सीटें हैं. श्रावस्ती में तो भाजपा महज 445 वोटों से ही जीती थी. पट्टी में 1473, भदोही में 1102, फरेंदा में 2354, टांडा में 1725 और भरथना में महज 1968 वोटों का ही अंतर था. आंवला में 3546, महोली में 3717, बिधुना में 3910, धौरहरा में 3353, पटियाली में 3771, गोरखपुर ग्रामीण में 4410 और नकुर में 4057 वोटों का ही अंतर था. इन सभी सीटों पर समाजवादी पार्टी दूसरे नंबर पर थी.
रालोद और सपा साथ-साथ लड़ेंगे चुनावकुछ सीटें ऐसी भी हैं जहां भाजपा की जीत का अंतर सपा से तो ज्यादा था लेकिन, यदि उन सीटों पर सपा और राष्ट्रीय लोकदल के वोटों को जोड़ दें तो ये या तो भाजपा से ज्यादा हो जाता है या फिर मार्जिन बहुत कम हो जाती है. सिवालखास, किठोर, बड़ौत और बलदेव की ऐसी ही सीटें हैं. अभी तक के चुनावी समीकरण के हिसाब से रालोद और सपा साथ-साथ चुनाव लड़ेंगे. ऐसे में इन सीटों पर भाजपा को तगड़ा संघर्ष करना पड़ेगा.
2022 के चुनाव बदलेगा वोटों का समीकरणवैसे तो कई ऐसी भी सीटें हैं जिसे भाजपा ने बहुत कम अंतर से जीती थीं लेकिन उन सीटों पर बसपा दूसरे नंबर पर रही थी. 2017 के मुकाबले 2022 के चुनाव में गठबंधन बदले नजर आ रहे हैं. जाहिर है वोटों का समीकरण भी इससे बदल जायेगा. ऐसे में सत्ताधारी भाजपा के लिए कम मार्जिन से मिली जीत वाली ये सीटें परेशानी का सबब बन सकती हैं.पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.



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