अभिषेक जायसवाल /वाराणसी: बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) के वनस्पति विभाग के प्रोफेसर ने एक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपलब्धि हासिल की है. उन्होंने एक ऐसी तकनीक विकसित की है, जो ठंड के मौसम में पौधों की वृद्धि पर कोई असर नहीं पड़ने देगी. फिलहाल, इस तकनीक की लैब स्तर पर सफलतापूर्वक टेस्टिंग की जा चुकी है. इस शोध में LIM-1 जीन की भूमिका अहम बताई गई है, जो पौधों की वृद्धि को नियंत्रित करता है.
वनस्पति विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर जे पी मौर्या ने बताया कि ठंड के मौसम में पौधों की निष्क्रियता एक वैश्विक समस्या है, जिससे कई देश प्रभावित होते हैं. जब तापमान गिरता है, तो पौधों की वृद्धि रुक जाती है और कई बार वे निष्क्रिय अवस्था में चले जाते हैं. लेकिन LIM-1 जीन के जरिए पौधों को ठंड के मौसम में भी सुरक्षित रखा जा सकता है. जब मौसम अनुकूल हो जाता है, तब इस तकनीक की मदद से पौधे फिर से तेजी से वृद्धि करने लगते हैं.
किसानों के लिए तकनीक का सीधा उपयोग नहींहालांकि, यह तकनीक फिलहाल किसानों के लिए सीधे तौर पर उपलब्ध नहीं है. प्रोफेसर मौर्या ने बताया कि वैज्ञानिकों की मदद से इस तकनीक को पौधों पर आजमाया जा रहा है, ताकि उनकी वृद्धि को सामान्य किया जा सके. इसका उपयोग करने से फसलों की उत्पादकता सामान्य बनी रहेगी और किसानों को फसल नुकसान से बचाया जा सकेगा.
कोल्ड स्टोरेज की समस्या से मिलेगी मुक्तिप्रोफेसर मौर्या ने यह भी बताया कि इस तकनीक को आलू, दाल और चना जैसी फसलों पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके जरिए पौधों की वृद्धि को मौसम के अनुसार नियंत्रित किया जा सकेगा. भविष्य में, यह तकनीक किसानों को कोल्ड स्टोरेज की समस्या से मुक्ति दिलाने में भी सहायक साबित हो सकती है.
अंतरराष्ट्रीय शोध दल की सहभागिताइस शोध में बीएचयू के प्रोफेसर मौर्या के साथ स्वीडन के यूमिया प्लांट साइंस सेंटर के डॉ. शंशाक पांडे, प्रोफेसर ऋषिकेश, और फ्रांस तथा चीन के वैज्ञानिक भी शामिल रहे. यह एक अंतरराष्ट्रीय सहयोगात्मक प्रयास है, जो वैश्विक कृषि में बड़ा योगदान दे सकता है.
Delhi Pollution: दशहरा के बाद कैसी है दिल्ली की आबो हवा? लोगों ने बताया
Tags: Agriculture, Local18, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : October 13, 2024, 09:31 IST