Agency:News18 Uttar PradeshLast Updated:February 24, 2025, 23:57 ISTBahraich Siddhnath Mahashivratri: प्राचीन मन्दिर लगभग 5,000 वर्ष पुराना बताया जाता है. यह मंदिर पांडवों के अज्ञातवास काल से जुड़ा हुआ है और कहा जाता है कि धर्मराज युधिष्ठिर ने यहां भगवान सिद्धनाथ (शिव) की पूजा …और पढ़ेंX
प्राचीन मंदिर धर्मराज भगवान युधिष्ठिर ने की थी यहा पूजा!बहराइच: जिले में स्थित सिद्धनाथ मंदिर एक प्राचीन और ऐतिहासिक धार्मिक स्थल है जहां धर्मराज भगवान युधिष्ठिर ने खुद आकर पूजा अर्चना की थी. यहां महाशिवरात्रि पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. अनगिनत संख्या में लोग पहुंचकर जलाभिषेक करते हैं. रात्रि 12 बजे से ही भक्तों का तांता लगना शुरू हो जाता है और अगले दिन मुहूर्त तक यहां पैर रखने की भी जगह नहीं होती है. यहां बहराइच जिले के साथ-साथ अन्य जिलों के भी श्रद्धालु आते हैं. यहां पड़ोसी देश नेपाल के भी तमाम श्रद्धालु आकर महाशिवरात्रि का पर्व मनाते हैं.
मंदिर का इतिहासयह प्राचीन मन्दिर लगभग 5,000 वर्ष पुराना बताया जाता है. यह मंदिर पांडवों के अज्ञातवास काल से जुड़ा हुआ है और कहा जाता है कि धर्मराज युधिष्ठिर ने यहां भगवान सिद्धनाथ (शिव) की पूजा की थी. यह मंदिर न केवल ऐतिहासिक महत्व रखता है, बल्कि धार्मिक मान्यताओं से भी भरपूर है जहां प्रतिवर्ष महाशिवरात्रि का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. हजारों नहीं बल्कि लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पर पहुंचकर जलाभिषेक करते हैं.
मंदिर पांडव कालीन मंदिरों की श्रृंखला का हिस्सा!बहराइच के तराई क्षेत्र में स्थित यह मंदिर पांडव कालीन मंदिरों की श्रृंखला का हिस्सा है, जिसमें सिद्धनाथ पीठ, जंगली नाथ और गुल्लाबीर मंदिर शामिल हैं. पुराणों के अनुसार, द्वापर युग में पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान इस स्थल पर शिवलिंग की स्थापना की थी और भगवान शिव की पूजा-अर्चना की थी. सिद्धनाथ मंदिर के महामंडलेश्वर स्वामी रवि गिरी महाराज के अनुसार इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग की स्थापना धर्मराज युधिष्ठिर ने की थी. माना जाता है कि महाभारत काल में पांचों पांडव यहां आकर शिव की आराधना करते थे और आज भी इस स्थल पर लोगों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं जो मंदिर बहराइच शहर के बीचो-बीच घंटाघर के पास स्थित है.
Location :Bahraich,Uttar PradeshFirst Published :February 24, 2025, 23:57 ISThomeuttar-pradeshबहराइच में यहां होता है भव्य महाशिवरात्रि पर्व, युधिष्ठिर ने की थी विशेष पूजा