बहराइच कैसे पहुंचा था शिवा? बाबा सिद्दीकी को मारने वाले ने खोल दिए सारे राज! अब अनमोल का बचना मुश्किल!

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बहराइच कैसे पहुंचा था शिवा? बाबा सिद्दीकी को मारने वाले ने खोल दिए सारे राज! अब अनमोल का बचना मुश्किल!

बहराइचः बाबा सिद्दीकी हत्या मामले में गिरफ्तारी और पूछताछ का सिलसिला जारी है और हर रोज नई जानकारी सामने आ रही है. इस बीच यूपी एसटीएफ ने हत्याकांड के मुख्य आरोपी शिव कुमार गौतम को नेपाल भागने के दौरान उसके साथियों के साथ उसे दबोच लिया. इसके बाद उससे पूछताछ की गई, जिसमें उसने कई बड़े खुलासे किए. इतने दिनों तक गायब रहने के बारे में जब उससे सवाल किया गया तो शिवकुमार गौतम ने बताया कि वह हत्याकांड को अंजाम देने के बाद मुंबई से पुणे चला गया फिर पुणे से झांसी और फिर लखनऊ के रास्ते बहराइच पहुंचा था.

हर महीने कुछ ना कुछ मिलने का था वादागिरफ्तार आरोपी शिवकुमार ने पूछताछ में बताया, ‘वह और धर्मराज कश्यप एक ही गांव के रहने वाले हैं. पुणे में स्क्रैप का काम करते थे. मेरा और शुभम लोनकर की स्क्रैप की दुकान अगल-बगल थी. शुभम लोनकर लॉरेंस बिश्नोई के लिए काम करता है. उसने मेरी बात स्नैपचैट के माध्यम से लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई से कई बार कराई है. बाबा सिद्दीकी की हत्या की आवाज में मुझे यह बताया गया था की हत्या के बाद 10 लख रुपए तुम्हें मिलेंगे तथा हर महीने तुम्हें कुछ ना कुछ मिलता ही रहेगा. हत्या के लिए हथियार, कारतूस, सिम और मोबाइल शुभम लोनकर और यासीन अख्तर ने हम लोगों को दिया था.’

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नेपाल भागने के फिराक में था शिवकुमारगिरफ्तार आरोपी शिवकुमार ने पूछताछ में यह भी कहा, ‘हत्या के उपरांत आपस में बात करने के लिए तीनों सूत्रों को नए सिम कार्ड और मोबाइल फोन दिए गए थे. पिछले कई दिनों से हम लोग मुंबई में बाबा सिद्दीकी की रेकी कर रहे थे और दिनांक 12.10.2024 की रात्रि में सही समय मिलने पर हम लोगों ने बाबा सिद्दीकी की हत्या कर दी. उस दिन त्योहार होने के कारण पुलिस और भीड़भाड़ भी थी, जिसके कारण दो लोग मौके से पकड़ लिए गए थे और मैं फरार हो गया था. मैंने फोन रास्ते में फेंक दिया था और मुंबई से पुणे चला गया था पुणे से झांसी और लखनऊ के रास्ते बहराइच पहुंचा था.’

लोगों से फोन मांग-मांग कर करता था बातशिवकुमार ने बताया, ‘बीच-बीच में मैं अपने साथियों और हैंडलर्स से किसी का भी फोन रास्ते में मांग कर बात करता था. अनुराग कश्यप से मैं ट्रेन से एक यात्री से फोन मांग कर बात किया था तो उसने यह कहा था अखिलंदर ज्ञान प्रकाश और आकाश ने मिलकर तुम्हारे नेपाल में छिपने की व्यवस्था कर ली है. इसलिए मैं बहराइच आया था और अपने साथियों के साथ मिलकर नेपाल भागने के फिराक में था बाकी साथियों ने भी इस बात का समर्थन किया.’
Tags: Lawrence BishnoiFIRST PUBLISHED : November 11, 2024, 06:58 IST

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