भोलेनाथ के इस मंदिर में लोगों की मन्नतें होती हैं पूरी, यहां झूठी कसमें खाने से कतराते हैं लोग

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पूर्वांचल में कई प्रकार के मंदिर हैं और हर मंदिर का एक अलग ही मान्यता है उसी क्रम में मऊ जनपद के मुहम्मदाबाद गोहना नगर पंचायत के सैदपुर मोहल्ले में स्थित डेढ़ सौ वर्ष पुराने प्राचीन शिव मंदिर में आज भी झूठी कसमें खाने से लोग कतराते हैं. प्राचीन शिव मंदिर लोगों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है. इस मंदिर की नीव आजमगढ़ जनपद के एक अग्रवाल परिवार द्वारा लगभग डेढ़ सौ वर्ष पूर्व रखा गया. यह मंदिर पहले खेत हुआ करता था, जब अग्रवाल परिवार द्वारा उनकी बैलों के माध्यम से जोताई की गई, तो वहां शिवलिंग निकला. इसके बाद अग्रवाल परिवार ने वहां खेती करने का विचार पूरी तरह से त्याग कर शिव मंदिर का निर्माण कराने के लिए छोटी सी नीव डाल दी , जो आज यहां के लोगों के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है.यहां झूठी कसमें खाने से डरते है लोगमंदिर में शिवलिंग एवं पुराना पीपल का पेड़ है जहां लोग प्रतिदिन सुबह-शाम पहुंचकर पूजा अर्चना कर अपने व अपने परिवार के लोगों के सुख एवं समृद्धि के लिए मन्नते मांगते हैं. इस मंदिर की एक खासियत है कि आज भी लोग यहां झूठी कसमें खाने से घबराते हैं, लेकिन जो भक्त सच्चे मन से हाथ जोड़कर मन्नते मांगता उसकी हर मनोकामनाएं भगवान भोलेनाथ पूरी करते हैं. इसके बाद इस मंदिर को भव्य रूप देने में मुहम्मदाबाद गोहना कस्बे के दर्जनों व्यापारी, संभ्रांत लोग और सच्चे भक्तों ने मिलकर इस मंदिर का निर्माण करवाया, जहां लोगों द्वारा मंदिर प्रांगण में एक पीपल का पेड़ भी लगाया गया जो आज भी शिवलिंग के बगल में पीपल का पेड़ उसी तरह हरा-भरा खड़ा है. जहां लोग परिक्रमा कर धागा बांधकर मन्नते मांगते हैं .देवघर की तरह ही यहां भी है शिवलिंगइस मंदिर की एक खासियत यह भी है कि हर वर्ष यहां से शिव बारात शहीद चौक स्थित शिव मंदिर तक जाती है . वहां से वापस होने के बाद यहां पर एक भव्य भंडारा श्रद्धालुओं एवं शिव मंदिर सेवा समिति के पदाधिकारियों द्वारा किया जाता है. इस भंडारे में हजारों लोग पहुंचकर प्रसाद ग्रहण करते हैं, जिससे भोले बाबा सभी लोगों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं. इस मंदिर की तुलना झारखंड के देवघर से की जाती है. सावन के महीने में जितना देवघर में भीड़ लगती है ठीक उसी तरह लोगों की भीड़ यहां भी लगती है, क्योंकि जैसे वहां शिवलिंग जमीन से बाहर आकर स्थापित है वैसे ही यहां शिवलिंग स्थापित है. इस वजह से यहां लोगों की आस्था काफी जुड़ी हुई है.FIRST PUBLISHED : January 6, 2025, 10:25 IST

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