यूं तो वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज ब्रायन लारा के नाम इंटरनेशनल क्रिकेट के किसी एक मैच में सबसे ज्यादा 400 रन बनाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड है, लेकिन इससे भी पहले भारत के एक खूंखार बल्लेबाज ने 443 रन की विशाल पारी खेली थी. बस फर्क इतना है कि इस भारतीय बल्लेबाज ने इंटरनेशनल मैच में नहीं, बल्कि फर्स्ट क्लास क्रिकेट में यह कमाल किया. क्रिकेट के कट्टर प्रेमी इस भारतीय नाम को जानते भी होंगे. दिलचस्प तो यह भी है कि यह क्रिकेटर कभी भारत के लिए इंटरनेशनल मैच नहीं खेला. यह धुरंधर, भारत का इकलौता बल्लेबाज है, जिसने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 400 या इससे ज्यादा रन बनाए हैं. आइए जानते हैं इस क्रिकेटर और उसके इस अनोखे रिकॉर्ड के बारे में…
ब्रायन लारा के नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड
वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज ब्रायन लारा के नाम दो ऐसे वर्ल्ड रिकॉर्ड हैं, जिन्हें तोड़ पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी है. उन्होंने 2004 में इंग्लैंड के खिलाफ एक टेस्ट मैच में ऐसी पारी खेली कि जब भी क्रिकेट के रिकॉर्ड्स की बात की जाएगी तो उसे जरूर याद किया जाएगा. यह पारी थी नाबाद 400 रन की, जो टेस्ट इतिहास में किसी भी बल्लेबाज के बल्ले से निकली सबसे बड़ी पारी भी है. दुनिया का कोई और क्रिकेटर टेस्ट में 400 रन नहीं बना पाया है. दूसरा रिकॉर्ड लारा के नाम फर्स्ट क्लास क्रिकेट का है. वह फर्स्ट क्लास क्रिकेट में सबसे बड़ा स्कोर बनाने बल्लेबाज हैं. उन्होंने 1994 में हुए एक मैच में नाबाद 501 रन बनाए थे.
लारा से भी पहले इस भारतीय ने ठोके 400 रन
बात है 1948 की. रणजी ट्रॉफी में आमने-सामने थीं महाराष्ट्र और काठियावाड़ की टीमें. महाराष्ट्र के लिए खेलने वाले भाऊसाहेब बाबासाहेब निंबलकर ने इस मैच की दूसरी पारी में गजब ही कर दिया था. उन्होंने 49 चौके और 1 छक्के लगाते हुए 443 रन की नाबाद पारी खेली. निंबलकर अपनी इस पारी के दौरान 494 मिनट तक बल्लेबाजी करते रहे. उनके अलावा कोई भी भारतीय बल्लेबाज आज तक फर्स्ट क्लास में 400 रन की पारी नहीं खेल सका है. फर्स्ट क्लास में ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज डॉन ब्रैडमैन के उस समय के 452 रन के वर्ल्ड रिकॉर्ड को निंबलकर तोड़ने ही वाले थे, लेकिन कुछ ऐसा हुआ कि मैच खत्म करना पड़ा.
इस कारण बंद हुआ था मैच
निंबलकर जिस फॉर्म में थे वह ब्रैडमैन के वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ देते लेकिन कठियावाड़ के कप्तान की अजीब मांग के चलते मैच खत्म करना पड़ा. दरअसल, काठियावाड़ के कप्तान राजकोट के ठाकुर साहेब का कहना था कि वह बोर रहे हैं और महाराष्ट्र को अपनी पारी डिक्लेयर कर देनी चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो उनकी टीम घर चली जाएगी. यह सुनकर महाराष्ट्र के कप्तान यशवंत गोखले हैरान रह गए और उन्हें समझाने की कोशिश की. उन्होंने ठाकुर साहेब से यह भी कहा कि निंलबकर ब्रैडमैन का रिकॉर्ड तोड़ने के बेहद करीब हैं, लेकिन काठियावाड़ के कप्तान ने उनकी एक न सुनी और टीम के साथ मैच बीच में छोड़कर चले गए.