धीरेंद्र शुक्लाचित्रकूट में एक ऐसी कुल्फी है जो होली के 1 महीने पहले से शुरुआत हो जाती है. इस कुल्फी का नाम है ‘बंद अकल का ताला’ यानी कि आपके बंद अकल के ताले को खोलने का पूरा इंतजाम इस कुल्फी में कर दिया गया है. भांग से भरी यह कुल्फी बंद अकल के ताले को खोल देती है. कैसे खोलती है इसको आज हम आपको बता रहे हैं.
इस कुल्फी का आनंद लेने के लिए क्षेत्र के लोग उत्साहित हो जाते हैं. जैसे ही होली का कुछ ही दिन बसता है लोग भांग से मधुबन हो जाते हैं. अपने आप को उस भांग भरी कुल्फी का उपयोग करके लोग मजा लेते हैं. यानी कि इस माह सिर्फ भांग की कुल्फी ही लोगों के दिलों को और उनके बंद अकल के ताले को खोलेगी. कहते हैं कि भांग से भरी कुल्फी लोग खाकर मस्त हो जाते हैं और झूम उठते हैं. खईके पान बनारस वाला खुल जाए बंद अकल का ताला. ऐसे ढोल के साथ लोग गाना गाते हुए अपने आप को मस्त कर देते हैं. चित्रकूट की मशहूर भांग की कुल्फी जगह-जगह उपलब्ध रहती है.
एक महीने पहले से होने लगती है मांगक्षेत्र की भाषा में अगर कहे तो यह कुल्फी आपको गांव, शहर गलियारों में मिल जाएगी. यह सिर्फ होली के 1 महीने पहले ही पाई बनाई जाती है. इसके बाद यह कुल्फी लुप्त हो जाती है. लोग इस का आनंद उठाने के लिए दूरदराज से चित्रकूट की इस धरा पर पहुंचते हैं. भांग की कुल्फी को खाकर आनंद उठाते.
अगर आपको भी भांग के कुल्फी का आनंद लेना है तो चित्रकूट के उस इलाके में जाना पड़ेगा. जहां पर होली के मजे के साथ भांग की कुल्फी का भी मजा लोग लेते हैं. इस भांग की कुल्फी से लोगों का दिमाग खुलता है यानी कि बंद अकल का ताला खुल जाता है. चित्रकूट की फेमस भांग की कुल्फी आज भी मशहूर है.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Chitrakoot News, Holi, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : March 01, 2023, 12:44 IST
Source link