ग्रेटर नोएडा. सरकार द्वारा बुनियादी ढांचे के निवेश पर फोकस के चलते आने वाले वर्षों में हीटिंग, वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग (एचवीएसी) की मांग बढ़ेगी और इंडस्ट्री भी इसके लिए तैयार है. ग्रेटर नोएडा में एक्रेक्स इंडिया प्रदर्शनी के 23वें संस्करण के दौरान शुक्रवार को इंडस्ट्री से जुड़े विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए. इंडियन सोसाइटी ऑफ हीटिंग, रेफ्रीजरेशन एण्ड एयर कंडीशनिंग इंजीनियर्स (इशरे) कहा कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कई प्रयास किये जा रहे है.
भारत सरकार 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य है और 2070 तक देश को कार्बन उत्सर्जन मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इन दोनों ही लक्ष्यों को पाने में हीटिंग एवं कूलिंग उद्योग जुटा हुआ है, इसके लिए यह उद्योग नए-नए शोध कर रहा है, साथ ही तीन आर यानी की एनर्जी खपत को कम करना (रिड्यूज), दोबारा उपयोग में लाना(री-यूज) तथा नवीनीकरण(रीन्यू) का मंत्र दिया है.
इस अवसर पर इनफोर्मा मार्केट्स इंडिया के प्रबंध निदेशक योगेश मुद्रास ने कहा कि 2070 तक कार्बन न्यूट्रेलिटी हासिल करने के भारत के लक्ष्यों के अनुरूप जोर दिया जा रहा है. भारत में तेज़ी से शहरीकरण हो रहा है. एक अनुमान के मुताबिक 2030 तक एक मिलियन से अधिक आबादी वाले भारतीय शहरों की संख्या 42 से बढ़कर 68 तक पहुंच जाएगी. ऐसे में एचवीएसी सिस्टम्स की मांग बढ़ेगी. अगले दो दशकों में देश की 50 प्रतिशत से अधिक इमारतों का निर्माण होने की उम्मीद है, बाजार में व्यापक संभावनाएं हैं।
.FIRST PUBLISHED : February 16, 2024, 19:47 IST
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