कोलकाता: भारत खेल जगत को एक झटका लगा है.भारत के पूर्व मिडफील्डर और ईस्ट बंगाल के दिग्गज खिलाड़ी का कोविड-19 से लंबे समय तक जूझने के बाद गुरुवार के शहर के अस्पताल में निधन हो गया है. इससे सारे खेल जगत में मायूसी छाई हुई है.
इस दिग्गज खिलाड़ी का हुआ निधन
भारत के पूर्व मिडफील्डर सुरजीत सेन गुप्ता का निधन हो गया है. इससे खेल जगत शोक में डूब गया है. अस्पताल सूत्रों ने कहा, ‘उनकी हालत स्थिर थी लेकिन शुक्रवार से उन्हें सांस लेने में समस्या होने लगी और उनका आक्सीजन का स्तर भी गिरने लगा. सोमवार से उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था.’ कोविड-19 पॉजिटिव पाए जाने के बाद सेनगुप्ता को 23 जनवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था.वह पिछले हफ्ते से वेंटीलेटर पर थे. उन्होंने आज दोपहर अंतिम सांस ली.
शानदार खिलाड़ी थे सुरजीत सेन गुप्ता
सुरजीत सेन गुप्ता का बहुत ही शानदार खिलाड़ी थे, उनकी गिनती बेहतरीन मिडफिल्डरों में होती थी. उनका जन्म 30 अगस्त 1951 को हुगली जिले के चाकबाजार में हुआ था और उन्होंने अपने फुटबॉल करियर की शुरुआत किदरपोर क्लब के साथ की. सेनगुप्ता 71 बरस के थे. राइट विंगर के रूप में खेलने वाले सेनगुप्ता ने इंटरनेशनल करियर की शुरुआत कुआलालंपुर में मर्डेका कप में थाईलैंड के खिलाफ 24 जुलाई 1974 को किया. उन्होंने 14 मैच में भारत का प्रतिनिधित्व किया.उन्होंने एशियाई खेल 1974 और 1978 में भारत का प्रतिनिधित्व किया. उन्होंने अपना एकमात्र इंटरनेशनल गोल कुवैत के खिलाफ 1978 एशियाई खेलों में किया.
खेल जगत ने जताया शोक
अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने शोक संदेश में कहा,’यह सुनकर दुख हुआ कि भारतीय फुटबॉल के इतिहास के सबसे कुशल विंगर में से एक सुरजीत दा का निधन हो गया है. भारतीय फुटबॉल को उनका बहुमूल्य योगदान हमेशा हमारे साथ रहेगा और कभी भुलाया नहीं जाएगा. उनके जाने से भारतीय फुटबॉल को नुकसान हुआ है.’सेनगुप्ता ईस्ट बंगाल की उस टीम का हिस्सा थे, जिसने 1970 से 1976 के बीच लगातार छह बार कलकत्ता फुटबॉल लीग का खिताब जीतने के अलावा छह बार आईएफए शील्ड और तीन बार डूरंड कप का खिताब जीत था.