चंदन सैनी/मथुरा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत मथुरा में पेटरसन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई थी. इस प्रोजेक्ट के तहत फैक्ट्रियों, सरकारी दफ्तरों और घरों से निकलने वाले प्लास्टिक कचरे को पिघलाकर पेट्रोल और डीजल बनाया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट के तहत वातावरण को तो साफ और स्वच्छ रखने का मकसद है. वहीं आने वाली प्लास्टिक की समस्याओं से भी निजात मिल रही है.
पेटरसन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के प्लांट मैनेजर लव कुमार ने प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि, 2019 में प्लांट का उद्घाटन सांसद हेमा मालिनी और पूर्व ऊर्जा मंत्री के द्वारा किया गया था. 4 करोड़ की लागत से इस प्लांट को तैयार कराया गया था. पूरे भारत में 5 से 6 प्लांट हैं. जो अलग-अलग टेक्नोलॉजी के बने हुए हैं.
जानिए कौन-कौन से ऑयल होते हैं तैयार
लव कुमार बताते हैं कि इस प्लांट में 14 लोग कार्यरत हैं, जो दिन रात दो शिफ्टों में कार्य करते हैं. प्लास्टिक से प्लांट में लोडन सिटी ऑयल और हाई डेंसिटी ऑयल तैयार किया जाता है. प्लांट से निकलने वाले ऑयल को हम ट्रैक्टर, जनरेटर, इंजन के काम में लेते हैं. इस डीजल और पेट्रोल को अन्य संसाधनों में उपयोग नहीं किया जा सकता.
36 घंटे में 6 टन से तैयार हो जाता है ऑयल
प्लांट मैनेजर लव कुमार ने बताया कि, 100% में से 30% ऑयल, 30% वैक्स, 30% कार्बन और 10% गैस प्राप्त होती है. वैक्स आग जलाने के लिए काम आती है. उन्होंने बताया कि डीजल-पेट्रोल 60 से 70 रुपए प्रति लीटर बेची जाती है. 36 घंटे में 900 लीटर ईंधन प्राप्त होता है. मैनेजर लव कुमार आगे बताते हैं कि, कोविड-19 के कारण 2 साल प्लांट को बंद करना पड़ा था. लांट पुनः अगस्त 2021 में शुरू किया गया.थर्मोकेमिकल डी पॉलीमराइजेशन पर काम करता है. नेफ्ता से प्लास्टिक बनता है. 350-650 डिग्री हीट देनी पड़ती है. 6 टन प्लास्टिक वेस्ट एक बार में प्लांट सेल में डाला जाता है, जिससे के बाद डीजल-पेट्रोल और कार्बन गैस बनाने की प्रक्रिया शुरू होती है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Mathura news, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : September 17, 2022, 19:58 IST
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