Team India Cricketer: भारत का एक क्रिकेटर ऐसा रहा है, जिसका खुद का करियर तो चंद मैचों में ही खत्म हो गया लेकिन उसके पिता ने वर्ल्ड क्रिकेट पर राज किया है. भारत के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज रहे सुनील गावस्कर के बल्ले से टेस्ट क्रिकेट का पहला व्यक्तिगत 10,000वां रन निकला था. वहीं, उनके बेटे रोहन गावस्कर अपने पिता की तरह लंबी रेस का घोड़ा साबित नहीं हुए. भारतीय क्रिकेट इतिहास में ऐसे कई मौके आएं हैं, जब पिता और बेटे दोनों ने ही इंटरनेशनल लेवल पर टीम इंडिया के लिए क्रिकेट खेला है. कुछ दिग्गज क्रिकेटर्स ऐसे रहे हैं, जिन्होंने रिकॉर्ड्स की झड़ी लगाते हुए क्रिकेट की दुनिया में खूब नाम कमाया, लेकिन उनके बेटे उस तरह का कमाल नहीं दोहरा सके.
भारत के इस क्रिकेटर के पापा ने किया वर्ल्ड क्रिकेट पर राजरोहन गावस्कर का इंटरनेशनल करियर चंद मैच खेलकर ही खत्म हो गया. रोहन गावस्कर भारत के लिए सिर्फ 11 वनडे इंटरनेशनल मैच ही खेल पाए थे, जिसमें उन्होंने 18.88 की बेहद खराब औसत से सिर्फ 151 रन ही बनाए थे. वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में रोहन गावस्कर का बेस्ट स्कोर 54 रन रहा था. रोहन गावस्कर के नाम वनडे इंटरनेशनल में सिर्फ एक विकेट लेने का रिकॉर्ड है. वहीं, सुनील गावस्कर की बात करें तो उन्होंने भारत के लिए 125 टेस्ट और 108 वनडे मैच खेले. सुनील गावस्कर ने टेस्ट क्रिकेट में 34 शतकों के साथ 10,122 टेस्ट रन बनाए थे. सुनील गावस्कर ने अपने वनडे करियर में 108 मैचों में 35.13 की औसत से 3,092 रन बनाए थे.
चंद मैचों में खत्म हो गया खुद का करियर
रोहन गावस्कर पर पूरे क्रिकेट करियर के दौरान ये दबाव रहा कि वो महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर के बेटे हैं. इस वजह से भी वह इंटरनेशनल क्रिकेट में सफलता हासिल नहीं कर पाए. हालांकि रोहन गावस्कर ने अपने पिता के पदचिह्नों पर चलते हुए कमेंट्री की दुनिया में सफलता जरूर हासिल की है. रोहन गावस्कर को साल 2004 के ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भारत की वनडे टीम में चुना गया था, लेकिन वह कुछ खास कमाल नहीं कर पाए थे. रोहन गावस्कर का एकमात्र इंटरनेशनल विकेट एंड्रयू साइमंड्स रहे थे. रोहन गावस्कर ने साल 2012 में क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. रोहन गावस्कर ने फिर पिता के पदचिह्नों पर आगे बढ़ते हुए कमेंटेटर बनने का फैसला किया.