Team India: हर क्रिकेटर चाहता है कि जब वह क्रिकेट से अलविदा ले तो उसकी विदाई मैदान से पूरे सम्मान के साथ हो, लेकिन भारत के कुछ ऐसे अनलकी क्रिकेटर्स भी हैं, जिन्हें यह सम्मान नहीं मिला. निराशा की बात ये है कि इसमें कई महान भारतीय क्रिकेटर्स के नाम शामिल हैं. आइए एक नजर डालते हैं कि भारत के कौन से वह 5 दिग्गज हैं, जिन्हें संन्यास लेने के बाद पूरे सम्मान के साथ मैदान से विदाई नहीं मिली.
महेंद्र सिंह धोनी
महेंद्र सिंह धोनी ने भारतीय टीम को कई ऐतिहासिक पल दिए. धोनी की कप्तानी में भारत आईसीसी वर्ल्ड टी-20 (2007), क्रिकेट वर्ल्ड कप (2011) और आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी (2013) का खिताब जीत चुका है. इसके अलावा भारत 2009 में पहली बार टेस्ट में नंबर एक बना था. दिसंबर 2014 में धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास की घोषणा कर दी थी. इसके बाद धोनी ने 15 अगस्त 2020 को वनडे और टी-20 इंटरनेशनल से भी संन्यास ले लिया था. भारत को इतनी कामयाबी दिलाने के बाद धोनी विदाई मैच के सम्मान के हकदार थे, लेकिन उनके लिए ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई.
वीरेंद्र सहवाग
वीरेंद्र सहवाग ने भारत के लिए 104 टेस्ट में 49.34 के औसत से 8586 रन बनाए जिसमें 23 शतक और 32 अर्धशतक शामिल रहे. उनका बेस्ट स्कोर 319 रहा है. वीरू ने 251 वनडे में 8273 रन बनाए जिसमें 15 शतक और 38 अर्धशतक शामिल है. इस फॉर्मेट में वीरू का बेस्ट स्कोर 219 है. इसके अलावा 19 टी-20 मैचों में वीरू ने 394 रन बनाए, जिसमें 68 रन उनका सर्वाधिक स्कोर रहा. वीरेंद्र सहवाग ने साल 2015 में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था, लेकिन उन्हें विदाई मैच का सम्मान नहीं मिला.
गौतम गंभीर
गौतम गंभीर ने साल 2018 में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिया था, लेकिन उन्हें विदाई मैच का सम्मान नहीं मिला. गौतम गंभीर पाकिस्तान के खिलाफ 2007 टी20 वर्ल्ड कप और श्रीलंका के खिलाफ 2011 वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल मैच के हीरो रहे थे. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय करियर में 58 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया और 41.95 की औसत से 4154 रन बनाए, जिसमें नौ शतक शामिल हैं. गंभीर ने 147 वनडे इंटरनेशनल में 39.68 की औसत से 5238 रन बनाए. जिसमें 2011 वर्ल्ड कप फाइनल की वो 97 रनों की यादगार पारी है, जिसकी बदौलत भारत ने दूसरी बार वर्ल्ड कप पर कब्जा जमाया था. वनडे में उन्होंने 11 शतकीय पारियां खेलीं. गंभीर ने टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भी अपनी छाप छोड़ी. उन्होंने 37 मैच में सात अर्धशतकों की मदद से 932 रन बनाए, जिसमें उनकी औसत 27.41 की रही.
राहुल द्रविड़
राहुल द्रविड़ ने साल 2012 में ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर खराब प्रदर्शन के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था. टीम इंडिया की ओर से महज दो ही ऐसे बल्लेबाज हैं, जिन्होंने टेस्ट और वनडे दोनों में 10,000 से ज्यादा रन बनाए हैं. सचिन तेंदुलकर के अलावा द्रविड़ ने टेस्ट 13,288 रन बनाए हैं, जिसमें 36 शतक और 63 अर्धशतक शामिल हैं. वनडे में द्रविड़ ने 10,889 रन बनाए हैं. जिसमें उनके 12 शतक शामिल हैं. वनडे में द्रविड़ ने 10,889 रन बनाए हैं. जिसमें उनके 12 शतक शामिल हैं. फील्डर के तौर पर सबसे ज्यादा कैच लेने का वर्ल्ड रिकॉर्ड द्रविड़ के नाम दर्ज है. उन्होंने 301 पारियों में 210 कैच लपके. क्रिकेट से संन्यास लेने वाले द्रविड़ ने कोचिंग के क्षेत्र की ओर ध्यान केंद्रित किया, लेकिन उन्हें विदाई मैच का सम्मान नहीं मिला.
जहीर खान
टीम इंडिया के महान तेज गेंदबाज जहीर खान ने साल 2017 में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया था, लेकिन उन्हें विदाई मैच का सम्मान नहीं मिला. बाएं हाथ के तेज गेंदबाज जहीर खान ने लंबे समय तक भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण की बागडोर संभाली. जहीर लंबे समय से चोटिल चल रहे थे. इस वजह से उन्हें टीम इंडिया से बाहर रखा गया था. जहीर ने आखिरी टेस्ट फरवरी 2014 में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था, वहीं आखिरी वनडे अगस्त 2012 में श्रीलंका के खिलाफ पल्लीकल में खेला था. उसके बाद वे टीम इंडिया में वापसी नहीं कर सके. जहीर खान ने भारत की ओर से कुल 92 टेस्ट मैचों में 311 विकेट लिए, जबकि 200 वनडे मैचों में जहीर ने कुल 282 विकेट लिए. इसके अलावा 17 टी-20 मैचों में उनके नाम 17 विकेट हैं. जहीर ने भारत की ओर से इंटरनेशनल क्रिकेट में 600 से ज्यादा विकेट चटकाए हैं.