पार्ल: पहले मैच में हार से आहत भारत को अगर तीन मैचों की वनडे सीरीज को जिंदा रखना है, तो उसके बल्लेबाजों को दूसरे वनडे में बेहतर प्रदर्शन करना होगा, जिसमें केएल राहुल की कप्तानी की भी परख होगी. दूसरा वनडे मैच कल यानी 21 जनवरी को इसी मैदान पर खेला जाएगा, जहां पहला वनडे हुआ था. दूसरे वनडे में टीम इंडिया के लिए जीत बेहद जरूरी है, क्योंकि साउथ अफ्रीका पहला वनडे जीतकर तीन मैचों की सीरीज में 1-0 से आगे है. एक और हार से भारत का सीरीज जीत का सपना टूट जाएगा.
राहुल की कप्तानी दांव पर
राहुल पहले वनडे मैच में कप्तान के रूप में नाकाम रहे और अब जबकि उन्हें टेस्ट कप्तानी के दावेदारों में शामिल किया जा रहा है. इस सीरीज में उनके लिए काफी कुछ दांव पर लगा होगा. भारतीय बल्लेबाजों ने भी पहले मैच में निराशाजनक प्रदर्शन किया, जिससे टीम को 31 रनों से हार का सामना करना पड़ा. जब विराट कोहली कप्तान थे तभी से मिडिल ऑर्डर का प्रदर्शन भारत के लिए चिंता का विषय बना हुआ है, जिसका समाधान अभी तक नहीं खोजा जा सका है.
टीम इंडिया के सेलेक्शन पर सवाल
सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने अर्धशतक जमाकर अच्छी वापसी की. शिखर धवन ने कोहली के साथ मिलकर भारत की उम्मीद जगाई, लेकिन यह साझेदारी टूटते ही धीमी पिच पर भारतीय मिडिल ऑर्डर बिखर गया. राहुल ने कप्तान के रूप में निराश किया. सबसे अहम सवाल यह है कि अगर वेंकेटश अय्यर से गेंदबाजी नहीं करवानी थी तो वह टीम में क्या कर रहे थे. जब युजवेंद्र चहल और शार्दुल ठाकुर पर रासी वान डर डुसेन और टेम्बा बावूमा हावी होकर खेल रहे थे, तब वेंकटेश का उपयोग छठे गेंदबाज के रूप में क्यों नहीं किया गया.
सूर्यकुमार यादव के नहीं खेलने पर सवाल
यदि वेंकेटश अय्यर नंबर 6 पर एक विशेषज्ञ बल्लेबाज के रूप में खेल रहे हैं, तो सूर्यकुमार यादव को प्लेइंग 11 में क्यों न शामिल किया जाए, जो अनुभवी हैं और दबाव में बेहतर बल्लेबाजी करते हैं. एक और सवाल यह उठता है कि क्या राहुल ने तब चहल या रविचंद्रन अश्विन से बात की जब वान डर डुसेन और बावूमा ने स्वीप शॉट खेलने शुरू किए थे.
भारत को जीत के लिए करना होगा ये काम
राहुल ने गेंदबाजी में भी ऐसे बदलाव नहीं किए जिससे लगे कि वह रणनीतिक रूप से कुशल हैं. इसके विपरीत दक्षिण अफ्रीका ने एडेन मार्कराम से गेंदबाजी की शुरुआत कराई और वह भारतीय कप्तान को आउट करने में सफल रहे. इसके बाद जब भारत बल्लेबाजी कर रहा था तो धवन और कोहली के आउट होने के बाद उसकी हार सुनिश्चित हो गई थी. अचानक ही जो पिच बल्लेबाजी के लिए आसान दिख रही थी वह मुश्किल बन गई.
टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन में जगह बनाना आसान नहीं
श्रेयस अय्यर का शॉर्ट पिच गेंदों के खिलाफ संघर्ष जारी रहा. उन्हें समझना चाहिए कि टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन में जगह बनाना आसान नहीं हैं और इस तरह से मौका नहीं गंवाया जा सकता है. इस पिच पर स्ट्राइक रोटेट करना जरूरी है. ऐसे में ऋषभ पंत और दोनों अय्यर की भूमिका अहम होगी. पहले मैच में इन तीनों ने निराश किया. उन्हें अपनी जिम्मेदारी समझने की जरूरत है.
गेंदबाजी में ठाकुर नाकाम
शार्दुल ठाकुर ने ऐसे समय में अर्धशतक जमाया जबकि भारत की हार तय हो गई थी और किसी तरह का दबाव नहीं था. उनका आकलन हालांकि गेंदबाजी से किया जाएगा जो उनका मुख्य काम है. गेंदबाजी में ठाकुर नाकाम रहे. उन्होंने 10 ओवर 72 रन लुटाए, जिससे टीम को नुकसान हुआ. भुवनेश्वर कुमार ने भी वापसी पर निराश किया. दोनों टीमों के बीच स्पिनरों ने भी अंतर पैदा किया. अश्विन और चहल ने 20 ओवरों में 106 रन दिए और एक विकेट लिया.
राहुल की दावेदारी के खिलाफ जा सकता है इन मैचों का प्रदर्शन
दक्षिण अफ्रीका की तरफ से मार्कराम, तबरेज शम्सी और केशव महाराज ने 26 ओवर किए, 126 रन दिए और चार विकेट लिए. भारतीय स्पिनरों को अगले मैच में बेहतर प्रदर्शन करने की जरूरत है. अब दोनों मैचों में राहुल की कप्तानी पर सबकी नजर रहेंगी. सीमित ओवरों की तुलना में टेस्ट कप्तानी अधिक चुनौतीपूर्ण होती है और इन मैचों का प्रदर्शन राहुल की दावेदारी के खिलाफ जा सकता है.
टीम इस प्रकार हैं:
भारत: केएल राहुल (कप्तान), जसप्रीत बुमराह, शिखर धवन, रुतुराज गायकवाड़, विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, श्रेयस अय्यर, वेंकटेश अय्यर, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), ईशान किशन (विकेटकीपर), युजवेंद्र चहल, आर अश्विन , भुवनेश्वर कुमार, दीपक चाहर, प्रसिद्ध कृष्णा, शार्दुल ठाकुर, मोहम्मद सिराज, जयंत यादव, नवदीप सैनी.
दक्षिण अफ्रीका: टेम्बा बावूमा (कप्तान), केशव महाराज, क्विंटन डिकॉक (विकेटकीपर), जुबैर हमजा, मार्को जानसेन, जानेमन मलान, सिसांडा मगला, एडेन मार्कराम, डेविड मिलर, लुंगी एनगिडी, वायने पर्नेल, एंडिले फेलुकवायो, ड्वेन प्रिटोरियस, कागिसो रबाडा, तबरेज़ शम्सी, रासी वान डर डुसेन, काइल वेरेने.
मैच भारतीय समयानुसार दोपहर 2 बजे से शुरू होगा.