beyond smoking tobacco air pollution is also a major risk factor for deadly disease COPD | धूम्रपान के अलावा, वायु प्रदूषण भी है इस जानलेवा बीमारी का बड़ा रिस्क फैक्टर; ये लोग बरतें अधिक सावधानी

admin

alt



दिल्ली-एनसीआर की हवा में प्रदूषण के स्तर में लगातार इजाफा हो रहा है. पिछले कुछ दिनों से दिल्ली-एनसीआर की हवा में प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में बना हुआ है. हवा में प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है. ऐसे में क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीज (सीओपीडी) होने का खतरा बढ़ गया है. 
हाल ही में जारी हुई एक नई रिपोर्ट में सीओपीडी के लिए गैर-धूम्रपान रिस्क फैक्टर जैसे वायु प्रदूषण के बारे में चिंता जताई गई है. इंडियन चेस्ट सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. सुदीप साल्वी ने कहा भारत में सीओपीडी के आधे से अधिक मामले वायु प्रदूषण के अधिक स्तर के संपर्क में आने के कारण होते हैं. रिपोर्ट, विश्व सीओपीडी दिवस (15 नवंबर) के अवसर पर जारी की गई.किन लोगों को बरतनी चाहिए अधिक सावधानीप्रदूषण के कारण लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं. इनमें सांस की समस्याएं, आंखों में जलन, त्वचा की समस्याएं और दिल की बीमारी शामिल हैं. प्रदूषण के कारण बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है. बुजुर्गों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, इसलिए वे प्रदूषण के प्रभावों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं. बच्चों की श्वसन प्रणाली अभी भी विकसित हो रही होती है, इसलिए वे प्रदूषण के कारण होने वाली सांस की समस्याओं के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं.
इसके अलावा, जिन लोगों को पहले से ही सांस की समस्याएं हैं, जैसे कि अस्थमा या सीओपीडी, उन्हें प्रदूषण के कारण होने वाली सांस की समस्याओं का खतरा अधिक होता है. इन लोगों को घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए. अगर बाहर निकलना जरूरी हो, तो मास्क पहनना चाहिए. मास्क को ठीक से फिट करना चाहिए, ताकि प्रदूषित हवा अंदर न जा सके.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



Source link