बेटे हों तो ऐसे…पिता का सपना पूरा करने उतरे अखाड़े में, 25 साल से पहलवानों को दे रहे फ्री ट्रेनिंग

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पर्दे पर पति को माना देवता, असल जिंदगी में टूटी 2-2 शादियां, तो ठाना 'अब नहीं...', फिर कैसे हुआ तीसरा ब्याह?



आशीष त्यागी/बागपत. बागपत में दो सगे भाई करीब पिछले 25 वर्षों से अपने पिता के सपने को साकार कर रहे हैं. पिता ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं को पहलवान बनाकर देश सेवा में पहुंचने का सपना देखे हुए थे. इस सपने को उनके दो बेटे साकार कर रहे हैं और अब तक करीब 250 से अधिक पहलवानों को पहलवानी के लिए तैयार कर चुके हैं.

डगरपुर गांव के रहने वाले मनु पाल बंसल और पहलवान लीलूपुर मुख अपने पिता के सपने को साकार कर रहे हैं. उनके पिता ब्रह्मपाल सिंह ने अब से करीब 25 वर्ष पूर्व अपने बड़े बेटे लीलू बंसल को पहलवान बनाया. जिन्होंने बड़े अखाड़े में पहुंचकर अपना परचम लहराया. पिता के देहांत के बाद उनके सपने को अब दोनों बेटे मिलकर साकार कर रहे हैं. पिता ने क्षेत्र के युवाओं को देश सेवा में पहुंचने के लिए कुश्ती को हथियार बनाया था. अब दोनों बेटे फ्री में अखाड़े में युवाओं को पहलवान की ट्रेनिंग देते हैं.

बेटों ने पिता के सपने को किया साकारइस अखाड़े में अब तक 1200 के करीब पहलवान ट्रेनिंग कर चुके हैं और 250 पहलवान ऐसे हैं, जो अपना परचम नेशनल स्तर पर लहरा चुके हैं. आज भी इस अखाड़े में 60 ऐसे युवा हैं, जो पहलवानी की ट्रेनिंग लेते हैं और इनसे कोई फीस नहीं ली जाती है. साथ ही उनके खान-पान की व्यवस्था भी अखाड़े पर खुद लीलू पहलवान करते हैं. हर वर्ष प्रदेश लेवल पर एक बड़ी कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन निजी खर्चे पर करते हैं, जिसमें हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और अन्य जनपदों के खिलाड़ी पहुंचते हैं. और 2 लाख 51 हजार का प्रथम पुरस्कार दिया जाता है.

3 पीढियां कर रही पहलवानीब्रह्मपाल सिंह का परिवार अब तीसरी पीढ़ी में भी पहलवानी से जुड़ा है. ब्रह्मपाल सिंह अपने क्षेत्र के नामी पहलवान थे, जिसके बाद उनके बड़े बेटे लीलू बंसल को उन्होंने पहलवान बनाया, जिन्होंने कई बड़े अखाड़े में कुश्ती का परचम लहराया. उनके पुत्र सिंटू पहलवान, जो भारत केसरी का खिताब जीत चुके हैं. अब वह पहलवानी करते हैं.

ये है इनका उद्देश्यलीलू पहलवान ने बताया कि वह अखाड़े में युवाओं को तैयारी कराते हैं. अगर कोई युवा कामयाब भी नहीं हो पता तो पहलवानी में अपने आप को स्वस्थ रख सकता है और जो आजकल युवाओं में नशा करना, इधर-उधर घूमना अच्छे संस्कार न मिलने की दिक्कत आ रही है उनसे दूर रखा जा सकता है.

कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजनइस बार 28 और 29 अक्टूबर को डगरपुर गांव में लीलू बंसल पहलवान द्वारा आयोजित स्व:ब्रह्मपाल सिंह अखाड़े पर विशाल कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा. जिसमें कई प्रदेशों से पहलवान प्रतिभा करेंगे।सबसे बड़ा कुश्ती का इनाम 2 लाख 51 हजार का होगा.
.Tags: Baghpat news, Local18, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : October 27, 2023, 16:26 IST



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