अखंड प्रताप सिंह/कानपुर: आपने कई दोस्तियों की कहानी सुनी होगी, चाहे इंसानों की दोस्ती हो या जानवरों की दोस्ती या इंसान और जानवर के बीच दोस्ती का रिश्ता हो. अब तक आपने कई कहानियां सुनी, देखी और पढ़ी होंगी, लेकिन आज हम आपको कानपुर प्राणी उद्यान की एक बेहद खास कहानी और दोस्ती के बारे में बताने जा रहे हैं. यह दोस्ती मां की ममता जैसी है और यह रिश्ता बेहद खास भी है. क्योंकि जब भी कोई अपनी मां से बिछड़ता है तो उसका जीवन बेहद अकेलापन सा हो जाता है, लेकिन यहां चिडियाघर में नवजात बच्ची का ख्याल मन की तरह रखा गया और आज वह बच्ची बिल्कुल दोस्त की तरह हो चुकी है. वह कीपर की एक आवाज पर दौड़ी चली आती है.
चिड़ियाघर की लाडली है गौरीआपको बता दें कि कानपुर प्राणी उद्यान में मादा राइनो (गैंडा) मनु ने एक बच्ची को जन्म दिया था, जिसका नाम गौरी रखा गया था. जन्म के 13 दिन बाद मनु की मौत हो गई थी, जिसके बाद से लगातार गौरी का ख्याल कानपुर प्राणी उद्यान एक मां की तरह रख रहा है. वहीं, उसके साथ रहने वाला कीपर इसका सबसे अच्छा दोस्त बन चुका है. कीपर संतोष जैसे ही गौरी का नाम लेता है वह दौड़ते हुए उसके पास आ जाती है. उसके हाथों से ही वह दूध पीती है. इतना ही नहीं चिड़ियाघर के अधिकारियों की भी चाहेती गोरी है. गौरी का ख्याल हर कोई रखता है, हर कोई रोज उसका बारे में जानकारी जरूर लेता है.
बेहद स्वस्थ है गौरीयही वजह है कि गौरी का 24 घंटे चिड़ियाघर प्रशासन निगरानी में रखता है उसके लिए तीन कीपर तैनात किए गए हैं, जो अलग-अलग समय में उसका देखभाल करते हैं. यही वजह है कि गौरी लगातार बेहद कम समय में स्वस्थ हो गई है. गोरी अभी 9 महीने की हुई है और उसका वजन 185 किलो हो गया है.
चिड़ियाघर के डाक्टर ने बतायाकानपुर प्राणी उद्यान के उपनिदेशक और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अनुराग सिंह ने बताया कि गौरी हम सब की लाडली है. हर कोई उसका ख्याल रखता है. गौरी और संतोष दोनों एक दूसरे के लिए बेहद खास हैं. दोनों के बीच जो दोस्ती का रिश्ता है. वह भी बेहद बेमिसाल है. उसके एक बार बुलाने पर गौरी दौड़ती हुई चली जाती है. उसके हाथों से वह दूध पीती है.
Tags: Kanpur ki khabar, Local18FIRST PUBLISHED : August 4, 2024, 09:22 IST