वसीम अहमद/अलीगढ़. विश्व विख्यात अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कई ऐसी इमारतें मौजूद है जिन्हें देखकर आपकी आंखें थकेंगी नहीं. इन्हीं इमारतों में शामिल विश्वविद्यालय के कई गेट हैं जो अपने आप में इतिहास को समेटे हुए हैं और हर एक गेट की कुछ ना कुछ कहानी है. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कई ऐतिहासिक गेटों में से एक गेट एएमयू सर्किल के पास बना है जिसे फैज़ गेट के नाम से जाना जाता है. वैसे तो ज्यादातर यह गेट बंद रहता है और यहां आवाजाही कम रहती है.इस गेट का बाहरी हिस्सा पत्थर का बना है जबकि पीछे का हिस्सा ईटों का है. जिसे लाल रंग पोता गया है. इसी गेट पर लगे हैं सरका ए खिताब. जो अपने में करीब डेढ़ सौ साल का इतिहास समेटे हुए हैं. ऐसा माना जाता है कि यह खिताब सिर्फ चंद ऐसे लोगों को दिया जाता था जो देश के विकास अखंडता लिए अपना पूरा जीवन समर्पित करते थे. समय-समय पर इस गेट का जीर्णोद्धार कराया जाता है पत्थरों व गेट के अलावा आसपास की सफाई कराई जाती है. साथ ही कभी हुई टूट-फूट को भी सही कराया जाता है. गेट के सामने की जगह का भी सदपयोग किया जाता है.क्या है गेट का इतिहासजानकारी देते हुए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व पीआरओ राहत अबरार बताते हैं कि अलीगढ़यूनिवर्सिटी का जब कॉलेज बना तब उस समय ज्यादातर डोनर्स थे तो पहासू के नवाब फैज अली खान मैं 1876 में यह गेट बनवाया था. कॉलेज 1977 में कायम हुआ उससे पहले 1975 में यह मदरसा बना था और सर सैयद के वह करीबी दोस्तों में से थे. उस समय जो सरका ए ख़िताब ( सम्मानित उपाधि ) मिलता था तो उसमें यह बैच भी मिलता था तो उस समय यह सर का ख़िताब वहां लगा दिया. करीब 147 साल पुराना यह बैच कहा जा सकता है. फैज़ गेट पर लगे हुए यह बैच ओरिजिनल नहीं है यह उन ख़िताब की नकल है ओरिजिनल विश्वविद्यालय के संग्रहालय में सुरक्षित रखा है..FIRST PUBLISHED : August 11, 2023, 11:00 IST
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