बाराबंकी: आज के समय में बकरी पालन और पशुपालन का व्यवसाय तेजी से बढ़ रहा है क्योंकि इस व्यवसाय से अच्छा मुनाफा होता है. दूध देने वाले पशुओं के लिए हरा चारा बेहद खास होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हरे चारे में दवाइयों के भी गुण मौजूद होते हैं? कई पेड़-पौधों के हरे पत्ते खिलाने से बकरियों को दवाइयों की जरूरत नहीं पड़ती. इन पत्तियों में प्राकृतिक रूप से दवाइयों के गुण होते हैं.
बकरी ही नहीं, गाय-भैंस के लिए भी हरा चारा बेहद खास होता है. हरा चारा खिलाने से पशुओं में मिनरल्स, प्रोटीन और विटामिन की कमी दूर होती है. हरे चारे से मवेशी स्वस्थ होते हैं और उनसे होने वाले बच्चे भी स्वस्थ होते हैं. कुछ हरे पत्ते जैसे जामुन, अमरुद, नीम, और सहजन के पत्ते बरसात के मौसम में पशुपालकों को खिलाने चाहिए.
विशेष पौष्टिक पत्तेजिला पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अतुल कुमार अवस्थी ने बताया कि बारिश के मौसम में बकरियों में बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए, इस मौसम में उनकी नस्लीय क्षमता के अनुसार उत्पादन लेने के लिए कुछ बातों पर ध्यान देना बहुत जरूरी होता है.
पेट में कीड़े नहीं होंगेअमरुद, नीम, गिलोय और मोरिंगा में प्रोटीन की मात्रा बहुत होती है. अगर बारिश के महीने में इन पेड़-पौधों की पत्तियां बकरियों को खिलाई जाएं तो उनके पेट में कीड़े नहीं होंगे. पेट में कीड़े होना बकरे और बकरियों के लिए बहुत ही परेशान करने वाली बीमारी है. पेट में कीड़े होने से उनकी ग्रोथ रुक जाती है. इन पत्तियों को खिलाने से बकरियां बीमार नहीं होंगी और उनका स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा.
Tags: Farmer story, Local18FIRST PUBLISHED : August 3, 2024, 09:04 IST