बीजेपी का मोह छोड़ आखिर क्यों अपनी पार्टी का राग अलाप रहे शिवपाल, क्या होगी आगे की राह?

admin

बिना नाम लिए शिवपाल यादव ने अखिलेश पर साधा निशाना, कहा- हमने उसे चलना सिखाया और वो हमें रौंदते चला गया...



इटावा. समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी प्रमुख शिवपाल सिंह यादव के बीजेपी में शामिल होने की अटकलों पर विराम लग गया है. उनके करीबियों की ओर से ऐसा कहा जाने लगा है कि अब शिवपाल सिंह यादव भाजपा खेमे में शामिल होने के बजाय अपने दल को मजबूत करने पर ही जोर देंगे. शिवपाल यादव के करीबियों ने बताया कि बेशक पिछले दिनों इस बात की व्यापक स्तर पर चर्चा थी कि शिवपाल बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करके अब उत्तर प्रदेश की राजनीति करेंगे, लेकिन बदली हुई परिस्थितियों में वह भाजपा में शामिल होने के बजाय अपने दल को मजबूत करने पर ही जोर देंगे.
यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद 26 मार्च के बाद बदले हालात में शिवपाल सिंह यादव के भाजपा में जाने की अटकले शुरू हुई, लेकिन शिवपाल ने खुले तौर पर इस बात को स्वीकारा ही नहीं कि वो भाजपा में जा रहे हैं. जब भी उनसे भाजपा में शामिल होने के मुद्दे पर सवाल पूछा गया तो ‘उचित समय पर बुलाकर बता देंगे’ जबाब से हर कोई हैरत में पड़ता हुआ नजर आया.
एक पल तो लोगों को लगा कि शिवपाल के भाजपा में जाने की डील पूरी तरह से फाइनल हो गई, लेकिन अब शिवपाल मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए अपने आप को भाजपा विरोधी प्रस्तुत करने में जुटे हुए दिख रहे हैं. इन्हीं अटकलों के बीच में ही शिवपाल यादव न सिर्फ सरकार के ऊपर निशाना साधते हुए आत्मविश्वास के साथ लोगों के सहयोग से पुनर्गठन की तैयारी कर रहे हैं.
भाजपा संग डील में क्या बना रोड़ा?शिवपाल यादव के करीबी अनुमान लगा रहे हैं कि शिवपाल यादव अपनी पार्टी को नए सिरे से मजबूत करने के साथ-साथ संगठन को खड़ा करेंगे. एक राजनीतिक विशेषज्ञ कहते हैं कि दरअसल भाजपा को जब शिवपाल यादव की जरूरत थी तब तो वह समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ गए. वह बताते हैं कि अगर शिवपाल यादव चुनाव से पहले भाजपा के साथ आ जाते और तब सत्ता भाजपा के हाथ आती तो शिवपाल यादव को बहुत सम्मानजनक तरीके से भाजपा कहीं न कहीं समायोजित कर लेती, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं.
वह अपर्णा यादव का उदाहरण देते हुए भी बताते हैं कि चुनाव से पहले जब मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा को बड़े सम्मान के साथ पार्टी में ज्वाइन कराया गया, तो शिवपाल यादव का कद तो अपर्णा यादव से बड़ा ही है. राजनीतिक विशेषज्ञ कहते हैं कि भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच शिवपाल यादव ने भाजपा सरकार को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है. इससे शिवपाल यह बताने की कोशिश में है कि उनके और भाजपा के बीच कोई टयूनिंग नहीं है.
अब बीजेपी पर हमलावर शिवपालशिवपाल यादव ने ललितपुर में 13 साल की बच्ची के साथ गैंगरेप की घटना पर न सिर्फ भाजपा सरकार पर निशाना साधा, बल्कि पुलिस को भी खूब खरी-खोटी सुनाई. इस दौरान यह तक कह दिया कि उत्तर प्रदेश बेटियों के लिए इतना असुरक्षित और असंवेदनशील तो कभी रहा ही नहीं. सिर्फ कानून व्यवस्था पर ही शिवपाल यादव ने सरकार पर ठीकरा नहीं फोड़ा, बल्कि उत्तर प्रदेश में बदहाल बिजली को लेकर भी शिवपाल यादव सरकार पर हमलावर हुए. शिवपाल यादव ने लाउडस्पीकर के मामले पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि बुनियादी सवाल यह है कि अचानक शुरू हुए इस फसाद की जड़ कौन है.
कुछ नया गुल खिलाएगी आजम-शिवपाल की करीबीराजनीतिक जानकारों का मानना है कि अगर सब कुछ सही रहा तो आने वाले दिनों में शिवपाल यादव और आजम खान मिलकर उत्तर प्रदेश की राजनीति में कुछ नया कर सकते हैं. दरअसल शिवपाल यादव ने आजम खान को लेकर कहा था कि अगर मुलायम सिंह यादव सक्रिय होते तो आजम खान जेल में नहीं होते. इसके बाद शिवपाल यादव आजम खान से मिलने जेल भी गए और फिर राजनीतिक हलकों में कयास लगाए जाने लगे कि शिवपाल यादव और आजम खान अब आपस में मिलकर या तो शिवपाल यादव के संगठन को मजबूत करेंगे या फिर अपना कोई नया संगठन मिलकर तैयार करेंगे.
इन कयासों के बीच पीएसपीएल की ओर से कोई बात नहीं कही जा रही है, लेकिन राजनीतिक हल्कों में चर्चा जोरों पर है. आजम और शिवपाल के बीच करीबी को बल तब ओर मिलने लगा जब शिवपाल यादव ने आजम खान के एक वीडियो को शेयर करते हुए ट्वीट किया कि अच्छी और ईमानदार सोच हमेशा मुकाम पर पहुंचती है. शिवपाल यादव ने आजम खान को भरोसा दिलाते हुए कहा था कि वह उनके साथ थे, उनके साथ हैं और आगे भी रहेंगे.
मुस्लिमों के बड़े नेता के तौर पर समाजवादी पार्टी में आजम खान का अपना एक अलग कद माना जाता है. अगर मुसलमानों की राजनीति के सहारे शिवपाल यादव उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी का विकल्प बनने की कोशिश कर रहे हैं, तो उन्हें आजम खान का साथ बहुत फायदा पहुंचा सकता है. आजम खान और शिवपाल को लेकर जो कुछ भी राजनीतिक हल्को में चल रहा है वह वाकई में चर्चा के केंद्र में ही रहेगा या फिर कुछ राजनीतिक रंग भी ला पायेगा इस का हर किसी को इंतजार जरूर रहेगा.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Shivpal Yadav, UP politicsFIRST PUBLISHED : May 06, 2022, 07:03 IST



Source link