Be it office stress or pain of breakup pillow therapy is changing millions of lives | ऑफिस का स्ट्रेस हो या ब्रेकअप का दर्द, ‘तकिया की थेरेपी’ बदल रही लाखों की जिंदगी!

admin

Be it office stress or pain of breakup pillow therapy is changing millions of lives | ऑफिस का स्ट्रेस हो या ब्रेकअप का दर्द, 'तकिया की थेरेपी' बदल रही लाखों की जिंदगी!



क्या कभी ऐसा हुआ है कि आप गुस्से या तनाव से इतने भर गए हों कि बस चीखना चाहते हों? लेकिन डर यही होता है कि लोग क्या सोचेंगे, कौन घूरेगा, कौन जज करेगा? अगर आप इरफान और कोंकणा सेन की फिल्म ‘लाइफ इन अ मेट्रो’ के टेरेस पर नहीं हैं, जहां खुलेआम चीखा जा सके, तो आपके लिए एक साइलेंट और असरदार तरीका है- ‘तकिया की थेरेपी’.
जी हां, आज के दौर में जब इमोशनल हेल्थ को लेकर जागरूकता बढ़ रही है, लोग अपने गुस्से और दुख को तकिये में चिल्लाकर बाहर निकाल रहे हैं. न कोई शोर, न कोई सवाल, बस एक सेफ और प्राइवेट तरीका खुद को हल्का करने का. यह तरीका न सिर्फ सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है, बल्कि साइकोलॉजिस्ट्स भी इसे इमोशनल वेंटिंग का हेल्दी जरिया मान रहे हैं.
क्या है ‘तकिया थेरेपी’?तकिया थेरेपी यानी गुस्से, तनाव या उदासी में तकिये में मुंह दबाकर चिल्लाना. साइकोथेरेपिस्ट और ‘गेटवे ऑफ हीलिंग’ की संस्थापक डॉ. चंदनी तुगनैत बताती हैं कि चीखने से डायफ्राम और कोर मसल्स एक्टिव होती हैं, जिससे शारीरिक तनाव घटता है. यह थैरेपी एक तरह का ‘इमोशनल रिबूट’ बटन होती है, जो नेगेटिव थॉट्स को ब्रेक देती है.
क्यों असरदार है ये तरीका?आप अपनी असली भावनाएं बिना जजमेंट के जाहिर कर सकते हैं.चीखने से जमा हुआ शारीरिक और मानसिक तनाव बाहर निकलता है.गुस्सा अपनों पर निकालने के बजाय तकिये पर निकालना रिश्तों को खराब होने से बचाता है.यह थैरेपी उन इमोशन्स को मान्यता देती है जिन्हें हम अक्सर दबा देते हैं.
सावधानी जरूरीअगर तकिया थेरेपी आपकी रोज की आदत बन जाए या इससे भी राहत न मिले, तो यह मानसिक समस्या का संकेत हो सकता है. डॉ. रोहित सापरे बताते हैं कि अगर किसी को रोज चिल्लाने की जरूरत महसूस हो रही है, तो यह अंदरुनी तनाव का संकेत है, जिसे प्रोफेशनल मदद की जरूरत है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



Source link