बारिश का मौसम आते ही प्रकृति तो जरूर हरी-भरी हो जाती है, लेकिन साथ ही ये बीमारियों का भी घर बन जाता है. गंदे पानी में पनपने वाले कीटाणु कई तरह की बीमारियों को जन्म देते हैं. मच्छरों, मक्खियों और दूषित खाने के माध्यम से फैलने वाले इन बीमारियों से बचने के लिए जरूरी है कि हम सावधान रहें.
मुंबई स्थित मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर लिमिटेड में साइंटिफिक बिजनेस हेड- संक्रामक रोग और एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट डॉ. निरंजन पाटिल ने बताया कि बरसात के मौसम में गंदे पानी, प्रदूषण और कीट-पतंगों के बढ़ने से कई तरह की बीमारियां फैलती हैं. इसलिए, मानसून में अपनी और अपने परिवार की सेहत का विशेष ध्यान रखना जरूरी है. आइए जानते हैं इन मॉनसूनी बीमारियों के बारे में और इनसे बचाव के उपाय.
मलेरियामलेरिया एक ऐसी बीमारी है जिसके लक्षणों में बुखार और ठंड लगना शामिल हैं. इसका पता खून की जांच और रैपिड मलेरिया एंटीजन टेस्ट से चलता है. इस बीमारी से बचने के लिए आप मच्छर भगाने वाले क्रीम, फुल आस्तीन के कपड़े, मच्छरदानी और खिड़की की जाली का इस्तेमाल कर सकते हैं. साथ ही, पानी को जमा न होने दें और मच्छरों को मारने वाली दवाओं का इस्तेमाल करें.
डेंगूडेंगू के लक्षणों में बुखार, रैशेज और आंखों के पीछे दर्द शामिल हैं. गंभीर मामलों में इससे खून बहने और अंगों फेलियर भी हो सकती है. डेंगू का पता डेंगू एनएस1 एंटीजन टेस्ट, डेंगू आईजीएम एंटीबॉडी, डेंगू आईजीजी एंटीबॉडी, डेंगू पीसीआर और ब्लड काउंट से चलता है. मलेरिया से बचने के उपाय ही डेंगू से बचने के उपाय हैं। साथ ही, पुराने टायर, फूलदान, निर्माण स्थल और टैंकों में पानी जमा न होने दें.
चिकनगुनियाचिकनगुनिया में बुखार और जोड़ों में दर्द होता है. इसका पता चिकनगुनिया आईजीएम एंटीबॉडी टेस्ट और चिकनगुनिया आरएनए पीसीआर से चलता है. मलेरिया और डेंगू से बचने के उपाय ही चिकनगुनिया से बचने के उपाय हैं
जिका वायरसजिका वायरस का पता सीरम और यूरिन के जिका वायरस पीसीआर और जिका वायरस आईजीएम एंटीबॉडी टेस्ट से चलता है. मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया से बचने के उपाय ही जिका वायरस से बचने के उपाय हैं.
लेप्टोस्पायरोसिसलेप्टोस्पायरोसिस के लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, रैशेज, पीलिया और आंखों में लालिमा शामिल है. इसका पता लेप्टोस्पायरा आईजीएम एंटीबॉडी टेस्ट और लेप्टोस्पायरा पीसीआर से चलता है. इससे बचने के लिए पानी में न चलें, खासकर अगर आपके पैरों में कट या घाव हैं. घर और कार्यस्थल के आसपास चूहों को कंट्रोल करें. डॉक्सीसाइक्लिन कैप्सूल लेप्टोस्पायरोसिस से बचाव में मदद कर सकता है.
टाइफाइडटाइफाइड में बुखार, पेट दर्द, जीभ पर सफेद परत और भूख कम लगना शामिल है. इसका पता सीबीसी, ब्लड कल्चर, टाइफाइडॉट आईजीएम, विडाल टेस्ट और साल्मोनेला पीसीआर से चलता है. इससे बचने के लिए बिना पका हुआ खाना या गंदा स्ट्रीट फूड न खाएं और फिल्टर किया हुआ पानी पिएं।
हैजाहैजा में दस्त और डिहाइड्रेशन होता है. इसका पता स्टूल कल्चर से चलता है. इस बीमारी से बचने के लिए बिना पका हुआ खाना या गंदा स्ट्रीट फूड न खाएं और फिल्टर किया हुआ पानी पिएं.
इन बीमारियों से बचने के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखें, पानी जमा न होने दें और मच्छरों से बचाव के उपाय करें. अगर आपको इनमें से किसी भी बीमारी के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.