बदहाली पर आंसू बहा रहा ये स्टेशन, क्या इतिहास का हिस्सा बन जाएगी बरहजिया ट्रेन?

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बदहाली पर आंसू बहा रहा ये स्टेशन, क्या इतिहास का हिस्सा बन जाएगी बरहजिया ट्रेन?



चंदन/देवरियाः एक तरफ जहां देश बुलेट ट्रेन की चर्चाएं कर रहा है, वहीं रेलवे स्टेशनों के कायाकल्प के लिए निधि की स्वीकृति दी जा रही है, उसी दिशा में आज हम बात करेंगे एक ऐसे रेलवे स्टेशन के बारे में जिसे अंग्रेजों ने शुरू किया था, और आज वह देवरिया जनपद के बरहज बाजार रेलवे स्टेशन के रूप में प्रसिद्ध है. इस रेलवे स्टेशन का संचालन हाल्ट एजेंट के माध्यम से होता है और कुछ सीमित अवधि के लिए इसका काम संचालित होता है.कभी अंग्रेजों के जमाने में जिस स्टेशन की चर्चा होती थी आज वह अपने बदहाली पर आंसू बहा रहा है. शायद स्थिति नहीं सुधरी तो यह स्टेशन इतिहास का हिस्सा बन कर रह जाएगा .

हालांकि इस स्टेशन से चलने वाली ट्रेन भी बहुत खास है. इस ट्रेन का नाम है बरहजिया. देवरिया जिले की यह अनोखी ट्रेन टैक्सी की तरह रास्ते भर सवारियां बैठाती और उतारती चलती है. भटनी से बरहज तक 35 किलोमीटर के बीच 6 स्टेशनों से होकर गुजरने वाली बरहजिया के सभी स्टेशनों का किराया 30 रुपया तय है. इस रूट के रेलवे क्रॉसिंग का फाटक भी ड्राइवर और गार्ड ही ट्रेन रोककर बंद करते और खोलते हैं क्योंकि यहां कोई गेटमैन तैनात नहीं है.

बरहज स्टेशन का इतिहासदेवरिया जनपद का बरहज बाजार रेलवे स्टेशन, काफी पुरानी है. कहा जाता है कि ब्रिटिश शासनकाल में साल 1896 में व्यापारिक दृष्टिकोण से अंग्रेजों ने इसे शुरू किया था. देवरिया जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर सरयू नदी के किनारे स्थित बरहज बाजार, ब्रिटिश शासनकाल में प्रमुख व्यावसायिक केंद्र था. यहां बने लोहे के सामान का व्यापार होता था. इसके बाद, इसके व्यापारिक महत्व को देखते हुए अंग्रेजों ने 1896 में बरहज से भटनी तक रेलवे लाइन की स्थापना की और बरहज को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ दिया गया.

हाल्ट एजेंट के माध्यम से होता है संचालितइस रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर से हमने बातचीत की, उन्होंने इसका पुराना इतिहास साझा किया. उन्होंने बताया कि बहुत पहले जब इस रेलवे स्टेशन से घाटा होने लगा तो ट्रेनों की सेवाएं यहां से बंद कर दी गई थीं. जिसके परिणामस्वरूप बहुत सारे आंदोलन हुए थे. हालांकि वर्तमान समय में यह रेलवे स्टेशन हाल्ट एजेंट के माध्यम से संचालित होता है .

क्या होता है हाल्ट एजेंट ?रेलवे बोर्ड ने छोटे स्टेशनों पर टिकट बिक्री का जिम्मा हाल्ट एजेंटों को दे दिया है. एजेंट जब ट्रेन आती है तो टिकट बेचने के लिए वहां पर आ जाते हैं. स्टेशन खोलने व बंद करने का निर्णय रेलवे बोर्ड के स्तर से लिया जाता है. जोन स्तर से केवल कम आमदनी वाले स्टेशनों की सूची भेजी जाती है. जोन स्तर की रिपोर्ट पर ही किसी स्टेशन के संचालन का जिम्मा हाल्ट एजेंट को दिया जाता है. हॉल्ट एजेंट के रूप में नियुक्ति के लिए चयनित व्यक्ति ट्रेन टिकट जारी करेगा. ट्रेन में प्रवेश करने वाले यात्रियों के लिए मुद्रित सीज़न टिकट भी शामिल हैं. हाल्ट स्टेशन और वहां उतरने वाले यात्रियों के टिकटों की जांच और संग्रह भी करेगा.
.Tags: Deoria news, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : August 31, 2023, 19:57 IST



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