संजय यादव/बाराबंकी. बाराबंकी में बेसिक शिक्षा विभाग और माध्यमिक शिक्षा विभाग के बच्चों की संयुक्त टीम भारतीय विष अनुसंधान संस्थान (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च) लखनऊ में शैक्षिक भ्रमण के लिये पहुंची. जहां बच्चों ने वैज्ञानिकों से मुलाकात की और उनके रिसर्च के बारे में एक-एक बात बारीकी से जानी. जिज्ञासा कार्यक्रम के तहत यह सभी बच्चे खंड शिक्षा अधिकारी बंकी सुषमा सेंगर के साथ शैक्षिक भ्रमण पर पहुंचे थे. जहां बच्चों ने गन्ने की भूसी से पोटेशियम खाद बनाने के तरीकों के बारे में जाना. तो दूसरी तरफ सोलर गांधी से मुलाकात करके उनकी चलती-फिरती प्रयोगशाला भी देखी.भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान के निदेशक भास्कर नारायण से भी बच्चों ने मुलाकात की. प्रयोगशाला में वैज्ञानिकों ने बच्चों से अपने रिसर्च के बारे में विस्तृत रूप से बात की. साथ ही बच्चों की ओर से पूछे गए सभी प्रश्नों के उत्तर भी दिए. इस दौरान सेंट्रल साल्ट एंड मरीन केमिक्लस रिसर्च इंस्टिट्यूट (CSIR-CSMCRI के निदेशक डॉ. कन्नन श्रीनिवासन गन्ने की भूसी से पोटेशियम खाद बनाने और अवशिष्टों के रीसाइक्लिंग की प्रक्रिया को काफी रोचक तरीके से समझाया.
वृक्षारोपण के महत्व को बतायानैशनल बोटैनिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट (NBRI) के निदेशक डॉ. अजीत कुमार शासनी ने पर्यावरण संरक्षण के लिए वृक्षारोपण के महत्व को बताया और सभी को ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करने के लिए जागरुक किया और उन्होंने बताया कि पर्यावरण को कैसे बचाया जाये और पर्यावरण को बढ़ावा दिया जाए. अगर पर्यावरण है तो हम हैं इसलिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ों को लगाएं जिससे हमारा पर्यावरण बना रहे.बच्चों को पर्यावरण संरक्षण की दी जानकारीसोलर गांधी के नाम से मशहूर IIT मुंबई के प्रोफेसर डॉक्टर चेतन सोलंकी ने बच्चों को पर्यावरण के संरक्षण में ऊर्जा के संरक्षण के महत्व पर जरूरी जानकारी दी. डॉक्टर चेतन सोलंकी को मध्य प्रदेश का सोलर ऊर्जा का एंबेसडर बनाया गया है. सबसे आखिर में तीनों संस्थानों के निदेशकों ने बच्चों से बातचीत की. साथ ही प्रोफेसर चेतन सोलंकी ने अपनी चलती फिरती प्रयोगशाला बच्चों को दिखाई.
.Tags: Local18, Sugarcane FarmerFIRST PUBLISHED : June 11, 2023, 16:38 IST
Source link