धीर राजपूत/फिरोजाबाद. पश्चिमी यूपी में बासमती धान की खेती काफी अच्छी होती है. वहीं, बासमती चावल बड़ी संख्या में बाहर एक्सपोर्ट किया जाता है. इस बीच फिरोजाबाद में बासमती धान की खेती के लिए नया नियम लागू किया गया है. इसके बाद अब किसान बासमती धान में प्रयोग होने वाली कीटनाशक रोगों की रोकथाम की दवाओं का प्रयोग नहीं कर सकेंगे.
फिलहाल इन दवाओं पर 2 महीने के लिए रोक लगाई गई है. दरअसल इन दवाओं के प्रयोग से बासमती चावल पर काफी असर दिखाई दे रहा था. इससे उनकी क्वालिटी खराब हो रही थी.इसके बाद जिला कृषि रक्षा विभाग ने कीटनाशक दवाओं पर बैन लगा दिया है. उनकी जगह पर अब अन्य दवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं, जिला कृषि रक्षा अधिकारी सुमित कुमार चौहान ने बताया कि यूपी से बाहर बासमती धान का एक्सपोर्ट किया जाता है.
कीटनाशक दवाओं के प्रयोग और बिक्री पर रोकफिरोजाबाद के जिला कृषि रक्षा अधिकारी सुमित कुमार चौहान ने बताया कि पश्चिमी यूपी बासमती धान का अच्छा उत्पादक है. वहीं, फिरोजाबाद में 23,000 हेक्टेयर में धान की खेती होती है. इसमें से 7000 हेक्टेयर में बासमती धान उगाया जाता है, लेकिन किसान बासमती धान में रोगों व कीटों से बचाव के लिए जिन कीटनाशक फॉर्मूला का प्रयोग कर रहे हैं. उससे बासमती धान पर काफी असर दिखाई दे रहा है. इनके प्रयोग से बासमती धान की क्वालिटी खराब हो रही है, इसलिए फिरोजाबाद में 60 दिनों के लिए 10 कीटनाशक फॉर्मूलों के प्रयोग करने और बेचने पर रोक लगा दी गई है.
इन दस फॉर्मूलेशन पर लगी रोककृषि रक्षा अधिकारी सुमित कुमार चौहान ने बताया कि फिरोजाबाद में 60 दिनों के लिए 10 फॉर्मूलेशन ट्राइसाइक्लाजोल, प्रॉपिकोनाजोल, प्रोफेनोफोस, बुप्रोफेजिन, एसीफेट, क्लोरपाइरीफॉस हेक्सासाकोनोजोल, थामोमेथ एक्साम, इमिडाक्लोप्रिड, कार्बेंडाजिम पर बासमती धान में प्रयोग करने के लिए रोक लगा दी है. साथ ही बताया कि किसान इस की जगह अन्य फॉर्मूलेशन का प्रयोग कर सकते हैं.
.Tags: Agriculture, Firozabad News, Paddy crop, Paddy HarvestingFIRST PUBLISHED : October 14, 2023, 08:50 IST
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