संजय यादव/बाराबंकी. बाराबंकी के टीआरसी लॉ कालेज में पंचतत्व और लाइफ विषय पर सेमिनार आयोजित हुआ. इस दौरान माबिओस फाउण्डेशन के चेयरमैन और वैज्ञानिक डॉ. रामबूझ ने कहा कि आज दस हजार से अधिक वनस्पतियों की प्रजातियां समाप्ति की ओर हैं. यह पर्यावरण एवं धरती के लिए बड़ा खतरा है. हमें बायोडायवर्सिटी और जंगल बचाने की जरूरत है.
लखनऊ चेप्टर, पर्यावरण प्रज्ञा, सांई सेवा संस्थान, लखनऊ, लोक भारती पर्यावरण समिति के इस सेमिनार में डा. रामबूझ ने कहा कि आज प्रज्ञा और विज्ञा दोनों के संगम की जरूरत है. दोनों को जोड़े बिना पंचतत्व से जुड़ी समस्या का समाधान सम्भव नहीं है. पारम्परिक ज्ञान एवं औपचारिक ज्ञान को सिविल सोसाइटी व जनसमुदाय तक ले जाने की आवश्यकता है. इस प्रकार की चर्चाएं लगातार स्थानीय स्तर पर जारी रखी जाएं. इस सेमिनार से प्राप्त तथ्यों से पर्यावरण संरक्षण के लिए पॉलिसी पेपर तैयार किया जायेगा.
नदियों के प्रदूषण से उनके आस्तित्व समापन को बचाना होगाआईआईटी कानपुर में सेंटर फॉर गंगा के संस्थापक अध्यक्ष प्रोफेसर विनोद तारे ने समर्थ गंगा, प्राचीन ज्ञान और आधुनिक विज्ञान विषय पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि हमें स्थानीय जलस्रोतों के संरक्षण का कार्य पारम्परिक ज्ञान को आधुनिक विज्ञान के साथ संगम करते हुए करना चाहिए. साथ ही छोटी-छोटी नदियों के संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया. नदियों के प्रदूषण से उनके आस्तित्व समापन को बचाना होगा. इस मौके पर तमाम विदेशी वक्ता वेबीनार से भी जुड़े, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में पर्यावरण विभाग के अध्यक्ष प्रो. प्रभात कुमार सिंह, अमेरिका के वांशिंगटन डीसी के एनर्जी गुरू की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुश्री गीतांजलि पाटिल, महेश मिश्र, डॉ. विनीत गुप्ता, डॉ. सुनीत मिश्र, एनबीआरआई लखनऊ के डॉ. मृदुल शुक्ल ने भी अपने विचार रखे.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Barabanki latest news, Barabanki News, Environment news, UP newsFIRST PUBLISHED : April 21, 2023, 14:26 IST
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