संजय यादव/बाराबंकी. बाराबंकी में जलकुंभी से पटी पड़ी भगहर झील को एक शानदार पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित कर लिया गया है. विकसित करने के बाद वन विभाग अब यहां पक्षियों की संख्या बढ़ाने की भी कोशिश कर रहा है. आपको बता दें कि करीब 84 हेक्टेयर में भगहर झील फैली है. झील का आधे से ज्यादा हिस्सा जलकुंभी से पट चुका था. जिसे साफ करके अब यह स्थान एक शानदार पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित किया गया है. सरकार आगे चलकर भगहर झील को ईको पर्यटन के रूप में विकसित करने जा रही है.
बाराबंकी जिले के तहसील- रामनगर से सूरतगंज जाने वाले मार्ग पर स्थित इस झील की औसत लंबाई 3.5 किलोमीटर व चौड़ाई 250 मीटर है. इस झील की जल ग्रहण क्षमता लगभग 24 लाख 15 हजार क्यूबिक मीटर बताया जाता है. इसके किनारे पांच गांव स्थित हैं. झील में वर्तमान समय में जरखा ड्रेन का पानी तो गिरता ही है, वर्षा के समय सिमली नदी का पानी झील से होकर घाघरा नदी में चला जाता है. मई-जून में झील में पानी काफी कम रह जाता है. अब इस झील को साफ कराने के साथ ही यहां इसके तट पर वन विभाग ने गोल हॉट, बेंच, वॉच टावर, नर्सरी, झूले, जीने और पेयजल की व्यवस्था कराई है.
टहलने के लिए वाकिंग ट्रैक का हुआ निर्माणझील के किनारे टहलने के लिए वाकिंग ट्रैक बनाया गया है. किनारे छायादार वृक्ष लगाए गए हैं और इस झील मेंनाव से भी आप सैर कर सकते हैं. विदेशी पक्षी भी झील में आते हैं.बच्चों के लिए झूले लोगों के बैठने के लिए गोल हॉट बेंच बनाई गई है. चारों तरफ सुगंधित फूलों के पौधे लगे हुए हैं जो इस झील को और भी आकर्षण बनाती है. झील से दूसरे किनारे को जोड़ने के लिए 800 मीटर कच्चा मार्ग है. जहां आगे चलकर परियोजना में शामिल कर ब्रिक सोलिंग किया जाएगा.
पर्यटन के साथ रोजगार को मिलेगा बढ़ावासरकार आगे चलकर भगहर झील को ईको पर्यटन के रूप में विकसित करने जा रही है. झील लखनऊ से ज्यादा दूर नहीं है. डेढ़ घंटे में यहां पहुंचा जा सकता है. इस स्थान के विकसित होने के बाद झील में नाव चलाने वाले को रोजगार लोगों को मिलेगा. लोगों के खानपान के लिए रेस्टोरेंट और दुकानें खुल सकेंगी. यहां टूरिस्ट आकर पौधों के नीचे ठंडक में बैठ सकेंगे. साथ ही बगल ले महादेवा के प्राचीन मंदिर का दर्शन भी कर सकेंगे.
.Tags: Barabanki News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : June 07, 2023, 22:47 IST
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