रिपोर्ट- संजय यादव
बाराबंकी. बुजुर्ग हाथी मोती राजा ने बुधवार को इस दुनिया को अलविदा कह दिया. काफी दिनों से हाथी मोती राजा बीमार चल रहा था. उसके इलाज के लिए वन विभाग सहित मथुरा से टीम आई थी, लेकिन कड़ी मशक्कत के बाद भी मोती राजा को बचा नहीं पाई.
जनपद बाराबंकी के तहसील हैदरगढ़ क्षेत्र के नेवाजगंज निवासी हरिनाम दास जो अपनी पुरानी परंपरा को निभाते हुए अपने पिताजी के द्वारा लाए गए लगभग 80 वर्ष पुराने बुजुर्ग हाथी की देखरेख कर रहे थे. काफी बुजुर्ग होने के कारण हाथी अस्वस्थ और बीमार था. इसके इलाज के लिए वन विभाग की टीम तथा मथुरा से विशेषज्ञ आए थे. परंतु काफी कड़ी मशक्कत के बाद भी बुजुर्ग हाथी मोती राजा को नहीं बचाया जा सका. बुधवार को अंतिम सांस लेते हुए मोती राजा हमेशा के लिए दुनिया छोड़ दी.
हाथी की मौत के बाद गम में डूबा है क्षेत्र
मोती राजा हाथी की मौत के बाद समाजसेवियों और जनता ने दुख व्यक्त किया. पूरे क्षेत्र में शोक की लहर फैल गई. लोगों का मानना है कि हरिनाम दास के यहां यह पुरानी परंपरा चली आ रही थी कि इनके परिवार में यदि हाथी को नहीं पाला जाएगा तो वंशावली आगे नहीं चलेगी. हरिनाम ने बताया कि मेरे पिता ने 1971 में पाला था. मोती हाथी को कुछ दिनों बाद मेरे पिताजी का स्वर्गवास हो गया. उसके बाद मोती हाथी की देखरेख मैं करता था और अपने बच्चों से ज्यादा मोती हाथी की सेवा करता था. आज मैं मोती हाथी की मौत से काफी दुखी हूं.
इलाज के लिए मथुरा से आये थे विशेषज्ञ
हाथी के संबंध में जिला वन अधिकारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि हाथी बुजुर्ग था, इसकी तबीयत काफी दिनों से खराब चल रही थी. विभाग द्वारा देखरेख के लिए टीम लगी थी और इलाज के लिए मथुरा से विशेषज्ञ आये थे. जिन्होंने काफी प्रयास किया पर हाथी को बचा नहीं पाए. सूचना मिली कि हाथी की मौत हो गई है. पोस्टमार्टम होने के बाद अंतिम संस्कार कराया जाएगा.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Barabanki News, Latest hindi news, UP newsFIRST PUBLISHED : March 31, 2023, 18:38 IST
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