Batsman asked for DRS after clean bowled: डीआरएस यानी डिसीजन रिव्यू सिस्टम. जब किसी खिलाड़ी को लगता है कि अंपायर ने कोई गलती की है और वह आउट नहीं था तो कोई क्रिकेटर इसका इस्तेमाल करता है. कई बार कामयाबी मिलती है तो कई बार टीम डीआरएस भी गंवा देती है. इस नियम के आने के बाद हालांकि फायदा ज्यादा मिला है. आपको सुनने में जरूर अजीब लगेगा कि क्लीन बोल्ड होने के बाद किसी बल्लेबाज ने डीआरएस लिया हो लेकिन ऐसा हुआ है. वो भी बांग्लादेशी क्रिकेटर सौम्य सरकार के साथ.
सौम्य सरकार ने लिया था DRS
क्रिकेट इतिहास में ऐसा केवल एक बार हुआ है जो शायद किसी बल्लेबाज के लिए थोड़ा ‘शर्मनाक’ बात हो कि उसने क्लीन बोल्ड होने के बावजूद डीआरएस का इस्तेमाल किया. यह साल 2017 की बात है. श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच गॉल इंटरनेशनल स्टेडियम में टेस्ट मैच खेला गया था. उसी मैच की दूसरी पारी में सौम्य सरकार ने क्लीन बोल्ड होने के बावजूद डीआरएस लेने का फैसला किया.
असेला ने किया क्लीन बोल्ड
यह श्रीलंका के बांग्लादेश दौरे का पहला टेस्ट मैच था. चौथी पारी में बांग्लादेश टीम 457 रनों के बड़े लक्ष्य का पीछा कर रही थी. बांग्लादेश ने 15.1 ओवर तक बिना किसी नुकसान के 67 रन बना लिए थे. सौम्य सरकार तब 53 रन के निजी स्कोर पर थे और उनके साथ तमीम इकबाल दूसरे छोर पर थे. श्रीलंकाई गेंदबाज असेला गुणारत्ने ने पारी के 16वें ओवर की दूसरी गेंद पर सौम्य को पवेलियन की राह दिखा दी. असेला की गेंद मिडिल और ऑफ स्टंप की ओर तैरती हुई सरकार का विकेट ले उड़ी. अंपायर को उंगली उठाने में थोड़ा समय लगा.
भ्रम का शिकार हो गए सौम्य
सौम्य सरकार शायद अंपायर द्वारा उन्हें आउट देने में लगने वाले ज्यादा समय से भ्रमित हो गए. सरकार ने सोचा होगा कि उन्हें विकेटकीपर ने कैच आउट किया है. ऐसे में उन्होंने डीआरएस ले लिया. सौम्य सरकार ने दूसरे छोर पर खड़े अपने साथी तमीम की तरफ देखा और डीआरएस की अपील की. इससे अंपायर सहित मैदान पर मौजूद सभी लोग हैरान रह गए.
अंपायर ने बताई गलती
अंपायर ने सौम्य से कहा, क्या अपील कर रहे हो, आप क्लीन बोल्ड हो. सौम्य को देर से ही सही, अपनी गलती समझ आई. वह फिर पवेलियन की ओर चल पड़े. जब वह पवेलियन की ओर जा रहे थे तो हर कोई उन पर हंस रहा था. समझ सकते हैं कि एक बल्लेबाज के लिए कितना शर्मनाक पल होता है.
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