संजय यादव/बाराबंकी. जनपद बाराबंकी के किसान गेहू, धान, गन्ने आदि पारंपरिक फसलों की तुलना में केले की खेती से अधिक मुनाफा कमा रहे हैं. जिले में अब केलों की बड़े पैमाने पर खेती होने लगी है. क्योंकी परंपरागत फसलों पर कभी मौसम की मार पड़ती है तो कभी बीमारियों की, ऐसे में केले की खेती से परंपरागत खेती की तुलना में किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. जनपद कें युवा किसानों का रूझान अब केले और शिमला मिर्च आदि की खेती की ओर आकर्षित हो रहे है.वहीं प्रशासन समृद्धि एक पहल योजना के तहत किसानों की आय बढ़ाने के लिए जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने पारंपरिक खेती के अलावा आधुनिक खेती पर जोर दे रहे हैं. जिससे जिले के किसानों को केला की फसल में लागत के लिए पर्याप्त अनुदान मिलेगा. जिससे किसानों को अच्छा लाभ मिल सके और छोटे किसान भी इसकी खेती कर सकेंगे. जिले के किसान 12 महीने की इस फसल से लाखों का मुनाफा कमा रहे है. इसके लिए प्रदेश सरकार भी किसानों को केले की खेती कें लिए 30 प्रतिशत अनुदान दें रही है.केले को एक बार लगाकर लगातार दो वर्षों तक खेती की जा सकती है.केले की तरफ बढ़ रहा किसानों का रूझानबाराबंकी उद्यान अधिकारी महेश कुमार ने बताया कि बागवानी मिशन के तहत केले की खेती पर किसानों को अनुदान मुहैया कराया जाता है. जनपद में पिछले 15 वर्षों से केला टिश्यू कल्चर की खेती बड़े पैमाने पर हो रही है और इस वर्ष बागवानी मिशन योजना के तहत 90 हेक्टेयर का लक्ष्य उद्यान विभाग को दिया गया है. इस वर्ष शासन की तरफ से बैंक खाते में अनुदान दिया जायेगा इसके लिए विभाग सत्यापन करवा रहा है. जिन किसान भाइयों ने केला लगा रखा है वो ऑनलाइन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर रखे हैं उन्हें दो वर्षों तक अनुदान दिया जायेगा,जिससे वह अपनी आय बढ़ा सकते हैं..FIRST PUBLISHED : September 20, 2023, 20:19 IST
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