अखंड प्रताप सिंह/कानपुर. अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए हम कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखते हैं क्योंकि कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से ही कई बीमारियां दस्तक देना शुरू कर देती हैं. जैसा कि हम जानते हैं कि कोलेस्ट्रॉल दो तरीके का होता है, एक बैड कोलेस्ट्रॉल और एक गुड कोलेस्ट्रॉल. गुड कोलेस्ट्रॉल जहां सेहत को नुकसान नहीं करता है, तो वही बैड कोलेस्ट्रॉल को लोग कंट्रोल में रखते हैं क्योंकि यह अत्यधिक होने पर बेहद नुकसानदायक हो जाता है. इससे हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा मंडराता रहता है.कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज में लीवर के मरीजों पर एक स्टडी की गई है, जिसमें कुछ हैरान करने वाली बातें सामने आई हैं. स्टडी में यह सामने आया है कि बैड कोलेस्ट्रॉल भी बेहद कम होने से लीवर को बीमार कर देता है. ऐसे मरीज चाहे जितनी धूप सेंक लें, उनका लीवर विटामिन डी बनाने में नाकाम होता चला जाता है, जिस वजह से शरीर में एनर्जी कम होने लगती है और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर हो जाती है.जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ एसके गौतम ने बताया कि पहली बार बैड कोलेस्ट्रॉल के घटने से मरीजों पर पड़ने वाले असर पर अध्ययन किया गया है. उन्होंने बताया कि लीवर से पीड़ित कई लोगों की रिपोर्ट चेक की गई, तो उनमें बैड कोलेस्ट्रॉल बेहद कम मात्रा में नजर आया, जिसके बाद इस पर स्टडी करने की तैयारी की गई और उन्होंने बताया कि ज्यादा बैड कोलेस्ट्रॉल की कमी से लीवर विटामिन डी नहीं बना पाता है. ऐसे में हमें बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल भी पर्याप्त मात्रा में रखना चाहिए, ताकि लीवर संक्रमित ना हो और लीवर से जुड़ी बीमारियां आसानी से न हों.उन्होंने आगे कहा कि वहीं लीवर पर इफेक्ट होने से यह हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का कारण भी बनता है. ऐसे में स्टडी की फाइंडिंग के बाद लीवर के मरीजों के इलाज करने में काफी फायदा मिलेगा. बीमारी डायग्नोज करने में फायदा मिलेगा और उनके उपचार में भी मदद मिलेगी.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|FIRST PUBLISHED : December 23, 2022, 12:18 IST
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