बागवानी खेती से बदली युवा किसान की तकदीर, घर बैठे कर रहे लाखों रुपए की कमाई

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बागवानी खेती से बदली युवा किसान की तकदीर, घर बैठे कर रहे लाखों रुपए की कमाई



सौरभ वर्मा/रायबरेली: बदलते समय के साथ खेती किसानी में भी बदलाव हो रहा है. लोग अपनी परंपरागत खेती छोड़ बागवानी खेती का रुख रहे हैं. खास कर युवा वर्ग का बागवानी खेती की ओर ज्यादा ही रुझान बढ़ रहा है. बागवानी खेती में परंपरागत खेती की तुलना में अधिक लाभ होता है. फल और सब्जियां, अनाज की तुलना में अधिक मूल्यवान होती हैं, और किसानों को इनकी अच्छी कीमत भी मिलती है. गौरतलब है कि बागवानी कृषि एक तेजी से उभरता हुआ कृषि व्यवसाय है. बागवानी खेती में मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन, फूलों और फलों की खेती शामिल हैं .

बागवानी खेती के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है. सरकार द्वारा बागवानी खेती के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इन कार्यक्रमों में किसानों को बागवानी खेती के लाभों, तकनीकों और बाजार की जानकारी दी जाती है. इसी कड़ी में रायबरेली जनपद के शिवगढ़ कस्बे के दहीगंवा गांव के रहने वाले युवा किसान संजय राजपूत भी सरकार के इस सपने को पूरा करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं. दरअसल संजय राजपूत अपने खेतों में मौसमी सब्जियों की खेती करते हैं. जिससे वह घर बैठे कम लागत में अधिक मुनाफा कमा रहे हैं. इन सब्जियों की बाजार में अच्छी मांग होती है और किसानों को इनकी अच्छी कीमत मिलती है.

मौसमी सब्जियों की खेती में इन बातों का रखें ध्यानकिसान संजय राजपूत बताते हैं कि वह अपनी 3 एकड़ जमीन पर फूलगोभी ,पत्ता गोभी, टमाटर, चुकंदर की खेती कर रहे हैं. खेतों में तैयार सब्जियों को वह रायबरेली, लखनऊ व बाराबंकी की बाजारों में बिक्री के लिए भेजते हैं. वहीं अच्छी फसल उगाने के लिए पौधे का स्वस्थ होना बेहद जरूरी होता है. इसलिए मिट्टी में पर्याप्त मात्रा में जैविक पदार्थ होने चाहिए. साथ ही नर्सरी के लिए ऐसी जगह का चुनाव करना चाहिए जहां पानी नहीं ठहरता या भरता हो. इसके अलावा, रोगों और कीटों से भी फसलों की सुरक्षा करनी चाहिए.

कम लागत में अधिक मुनाफायुवा किसान संजय राजपूत बताते हैं कि वह बीते लगभग 8 वर्षों से अपनी 3 एकड़ जमीन पर मौसमी सब्जियों की खेती करते हैं. जिससे वह कम लागत में अधिक मुनाफा कमा रहे हैं. वह उन्हीं सब्जियों की खेती करते हैं जिनकी बाजार में मांग खूब रहती है. जिससे वह अच्छे दामों में आसानी से बिक जाती है. उनके मुताबिक एक एकड़ में लगभग 20 से 25 हजार रुपए की लागत आती है और लागत के सापेक्ष सालाना तीन से चार लाख रुपए की आसानी से कमाई हो जाती है.
.Tags: Agriculture, Barabanki News, Local18, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : February 23, 2024, 21:19 IST



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